Advertisement
अक्सर आपने कबाड़ से लोगों को करिश्मा करते हुए देखा होगा। आज भी हम ऐसे ही वेस्ट से बेस्ट बनाने की ही कहानी बताने जा रहे है। निगम कबाड़ हों चुकी बस को कबाड़ियों को बेचने की जगह अब उसका उपयोग कुछ इस तरह से कर रहीं है कि पूरे प्रदेश में यह मिसाल बन रहीं है। जबलपुर में चलने चलने वाली करीब 40 मेट्रो बस जो कि कबाड़ हों चुकी है, उन बसों को कुछ इस तरह से बनाया जा रहा है जिसे देखकर लोग कहेंगे वाह...क्या बात है। जबलपुर नगर निगम कबाड़ बसों को नया लुक देकर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, बर्तन बैंक, कपड़ा बैंक, बुक लाइब्रेरी , क्लास रूम सहित रेनबसेरा बनाने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम ने पायलट प्रोजेक्ट रूप में दो कबाड़ बस को नया रूप देकर तैयार कर लिया है, और जल्द ही अन्य कबाड़ बसों को नया रूप दिया जाएगा।कबाड़ बसों का नया रूप देने का आइडिया नगर निगम कमिश्नर स्वप्निल वानखेड़े का है। जिन्होंने कि खराब हों चुकी बसों को कबाड़ में ना बेचकर इनका कुछ हटकर उपयोग कर रहें है। जबलपुर नगर निगम ने बस के इंजन और गेयर बॉक्स को तो बेच दिया पर बस की बॉडी से अलग-अलग चीजें तैयार करवा रहे हैं। दरअसल कबाड़ बसों का नया रूप देने का आइडिया नगर निगम कमिश्नर को तब आया जब वह हाल ही में नर्मदा नदी ग्वारीघाट गए थे, उन्होंने देखा कि स्नान के बाद महिलाओं के लिए कपड़े चेंजिंग की व्यवस्था नही है, ऐसे में अगर बिल्डिंग बनाई जाती है तो बहुत पैसा लगेगा, उन्होंने सोचा कि क्यों ना बिल्डिंग की जगह कबाड़ बसों में ही महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बना दिया जाए।जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नू को निगम कमिश्नर स्वप्निल वानखेड़े की सलाह पसंद आई, इतना ही नही नेता प्रतिपक्ष ने भी इसमें हामी भर दी। इसके बाद 40 कबाड़ हो चुकी बस को नया रूप-रंग देने की तैयारी शुरू हों गई। शुरुआती दौर में नगर निगम ने दो बसें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार की है, जिसमें एक बस में महिलाओं का चेंजिंग रूम है, और दूसरी बस में रेनबसेरा बनाया गया है, खास बात यह है कि यह बस मूव करने वाली होगी जिन्हें कि ट्रेक्टर की मदद से यहां से वहां लाया ले जाया सकता है।जबलपुर नगर निगम ने साल 2013 में करीब 20 करोड़ से ज्यादा की डेढ़ सौ बसों को खरीदा था। 10 साल तक सड़कों पर चलने के बाद बसों ने रखरखाव के अभाव के चलते दम तोड़ दिया, अब जबलपुर के आईएसबीटी बस स्टैंड, तीन पत्ती बस स्टैंड और आगा चौक में खड़ी मेट्रो बसों को जब नीलम करने के लिए टेंडर जारी किया तो बहुत ही कम पैसे दिए जा रहें थे। निगम कमिश्नर ने खराब हुई बसों के इंजन और गियर बॉक्स बेच दिए पर बॉडी और सीट अपने पास रख ली। खराब बसों को अब जबलपुर नगर निगम अलग रूप दे रहा है। खतरा बसों को रंग रोगन कर इसमें अब महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, रेनबसेरा तैयार किया जा रहा है। इन बसों की खासियत यह है कि यह बस पूरी तरह मूव करने वाली होगी। नगर निगम जबलपुर आने वाले समय में 100 खराब हो चुकी बसों को इसी तरह से नया रूप देगा। अभी 40 बसों को नया रूप दिया जा रहा है, इसके बाद 2024 में बाकी बची हुई 60 बसों का भी रूप बदला जाएगा।जबलपुर नगर निगम ने बीते दिनों मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह के अवसर पर चैंजिंग रूम के तौर पर रेनोवेट की गई बसों को उपयोग किया गया। पहले चरण में एक दर्जन से अधिक कबाड हो चूकी बसों को चेंजिंग रूम तथा चलित रैन बसेरा के रूप में विकसित किया जाएगा। इस काम के लिए एक माह की समय सीमा निर्धारित की गई है। मेले, सार्वजनिक आयोजनों तथा नर्मदा तटों पर महिलाओं के लिए चैंजिंग रूम के तौर पर इनका उपयोग किया जाएगा। आसमान के नीचे रहने वालों की सुविधाओं के लिए भी चलित रैन बसेरा के रूप में कबाड़ बसों को विकसित किया जाएगा।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |