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नई दिल्ली।’प्रोजेक्ट चीता’ का रविवार को एक वर्ष पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने शनिवार को कहा कि भारत की ऐसे चीते मंगाने की योजना है, जिनकी चमड़ी मोटी नहीं होती हो। क्योंकि अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में से कुछ की चमड़ी मोटी होने के कारण ही गंभीर संक्रमण की चपेट में आए थे और तीन चीतों की मौत की वजह भी इसे ही बताया गया था।
एसपी यादव ने बताया कि कुछ मौतें गुर्दे के काम बंद करने के कारण हुईं। शावकों की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई। मौजूदा समय में एक शावक के साथ 14 चीते हैं। परियोजना के अधिकारियों के प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सराहना की है।
उन्होंने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अभी 14 चीते हैं जबकि इसमें 20 चीते रखे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि चीता प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए मध्य प्रदेश में दो अन्य स्थल गांधी सागर अभयारण्य और नौरादेही को तैयार किया जा रहा है। गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दिसंबर तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद चीता लाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। भारत में चीता को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। उसके बाद 12 चीते दक्षिणी अफ्रीका से भी लाए गए।
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