Advertisement
सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन समय के साथ अब बाघों के स्वभाव में परिवर्तन आ रहा है। इस बात का खुलासा भी वन विभाग की मॉनिटरिंग में हुआ। अब इस गंभीर विषय पर बारीकी से पड़ताल के लिए वन विभाग ने शोध शुरू किया है। टाइगर रिजर्व समेत राजधानी भोपाल के अर्बन टाइगर पर रिसर्च की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अच्छी बात यह है कि टाइगर का बदलता स्वभाव चिड़चिड़ेपन या आक्रामक नहीं है। न ही मानव-बाघ के संघर्ष को बढ़ावा नहीं देता। अब बाघ भी फ्रेंडली होते जा रहे हैं।वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व के बाघों की अपेक्षा भोपाल के टाइगर्स का स्वभाव अलग तरीके से विकसित हो रहा है। जिन संसाधनों का मानव उपयोग करते हैं उनका बाघ भी इस्तेमाल कर रहे हैं। बीते 10-12 सालों में यह परिवर्तन तेजी से दिखाई दिया है। उन्होंने यह बताया कि जंगलों के स्थान रहवासी क्षेत्र से लगे वन क्षेत्रों में मानव दखल भी बढ़ा है। भोपाल में शहरी क्षेत्र में बाघों की आमद लगातार आमद दर्ज करते हैं। इसके अलावा टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और विभागीय अमले में बढ़ोतरी के कारण बाघों से मानव का सामना सर्वाधिक होता है। लिहाजा बाघ भी अब संवेदनशील होते जा रहे हैं।
Kolar News
24 March 2023
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|