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मध्य प्रदेश में मानसून की लगातार बारिश होने से नदियों के साथ-साथ जलाशयों के जलस्तर बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष के रिपोर्ट के अनुसार भोपाल के कालियासोत, खंडवा के इंदिरा सागर, खरगोन के ओम्कारेश्वर सहित पार्वती, बेतवा, नर्मदा, केन नदी के अलावा कोलार डेम, केरवा डेम, गांधी सागर डेम, रेतन बैराज, तवा डेम, बाणसुजारा सहित अन्य नदियों और डेमों के जल स्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गयी है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में अनुमान से करीब 46 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। प्रदेश के 15 से अधिक डेम में 70-90 प्रतिशत तक जलभराव हो चुका है। इस बार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के अधिकतर डेमों के गेट जुलाई के दूसरे सप्ताह से ही खोलने पड़ रहे हैं। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा और ईएनसी मदन सिंह डाबर ने राजधानी भोपाल स्थित कलियासोत डेम और केरवा डेम का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने बताया कि भारी बारिश से पानी की आवक दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदेश में स्थित अधिकतर डेमों के गेट खोले जा रहे हैं।मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि डेम से पानी छोड़ने की स्थिति में डेम के समीप रहने वाले लोगों को पहले अलर्ट करना है, उसके बाद ही पानी छोड़ा जाए। ताकि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं बनें। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जलग्रहण क्षेत्र में आवक के अनुसार ही पानी छोड़े ताकि स्थिति समान्य बनी रहे। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जलग्रहण क्षेत्र और प्रदेश में हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर वृद्धि दर्ज की गई है।
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