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सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये भी जन-सामान्य को जल गंगा संवर्धन अभियान से जोड़ने का हो रहा प्रयास
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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में जल स्त्रोतों की साफ-सफाई के काम में समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसके परिणाम समाज के सामने आ रहे है। जल के महत्व को समझाने के लिये सांस्कृतिक गतिविधियों का सहारा लिया जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में जन-प्रतिनिधियों ने पदयात्रा निकाल कर पानी के महत्व का संदेश जन-सामान्य को दिया गया।

वाह्य नदी को बारहमासी नदी में बदलने के लिये पदयात्रा
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि भोपाल जिले के बैरसिया में जल गंगा संवर्धन अभियान में वाहृय नदी स्थल का भूमि-पूजन किया गया और वाह्य नदी को बारहमासी नदी में बदलने के लिये बैरसिया विधायक विष्णु खत्री के नेतृत्व में पद यात्रा शुरू की गई। यह यात्रा तहसील के विभिन्न ग्रामों से होती हुई खजुरिया रामदास पर समाप्त हुई। बैरसिया में जल स्त्रोतों को चिन्हित कर उनके संरक्षण कर कार्ययोजना तैयार कर संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। प्राचीन बावड़ी का चिन्हांकन भी किया गया है। उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जन-सामान्य को जानकारी दी जाएगी।


एकल नल जल योजनाओं के स्रोतों के रिचार्ज के प्रयास
विदिशा जिले में एकल नल जल योजनाओं के स्रोतों के स्थायित्व और निरंतरता के लिए मनरेगा की योजनाओं के साथ अभिसरण कर रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक और राज्य स्तरीय भुजलविद ने जिले के चयनित गाँव का दौरा किया। ग्रामीणों को बताया गया कि वर्षा की हर बूंद को भूमि के अंदर संरक्षण करके रखना बहुत जरूरी है। ग्रामीणों को वर्षा के जल को रिचार्ज करने की विधि के बारे में बताया गया। ग्रामीणों को बताया गया कि ग्राम के ढलान के अनुसार पानी को दिशा देकर 3-3 मीटर के फिल्टर के माध्यम से असफल नल-कूपों में पुनर्भरण किया जा सकता है।


जागरूकता के लिये विशेष प्रयास
सीहोर जिले में 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर में जल संरक्षण से संबंधित अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। अभियान के तहत आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए दीवार लेखन, जागरूकता रैली, पोस्टर बैनर, रंगोली, ग्राम सभाएं, कलश यात्राएं, शपथ सहित अनेकों गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अभियान के तहत जिले के अनेक ग्रामों में कूप मरम्मत, तालाब जीर्णोद्धार, डैम की साफ-सफाई सहित अनेक कार्य किए जा रहे हैं तथा नागरिकों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई जा रही है।


832 पुरानी जल संरचनाओं पर काम
ग्वालियर जिले की 263 ग्राम पंचायतों में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरचनायें तेजी से आकार ले रही हैं। कार्यों में तेजी आने से इस अभियान में जिले की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जिले में कहीं पर खेत-तालाब, कहीं पर अमृत सरोवर तो कहीं पर पुराने कुँओं के पुनर्भरण के लिये संरचनायें बनाई जा रही हैं। साथ ही पिछले वर्षों की जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी अभियान के तहत हो रहा है। जिले की 263 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में वर्षा जल सहेजने के लिये 1610 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 832 पुरानी जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी प्रमुखता से कराया जा रहा है।


प्राचीन और ऐतिहासिक बावड़ी की सफाई
झाबुआ जिले के ग्राम भगोर की प्राचीन व ऐतिहासिक बावड़ी में श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ग्राम भगोर के केसरिया की प्राचीन ऐतिहासिक कसारा की बावड़ी में श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। जिला समन्वयक प्रेमसिंह चौहान ने बताया कि पूरी बावड़ी में पेड़ों के पत्ते बिखरे हुए थे और गंदगी पसरी हुई थी जिसे ग्राम पंचायत, विद्यार्थी, नवांकुर संस्था के सदस्यों द्वारा मिलकर सफाई की गयी। गौरतलब हैं की यह अति प्राचीन बावड़ी है जो की बड़े बड़े पत्थरों से बनी हुई है। इस बावड़ी में पुराने समय में लोग पानी तक पीते थे। परंतु आज पुरानी होने की वजह से कीचड़ व पत्तों से भर गई है। ग्रामवासियों ने मिलकर इसकी साफ-सफाई की। बावड़ी में पानी दिखाई देने लगा। श्रमदान कार्यक्रम में सभी को जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।


प्राचीन सूरजकुंड बावड़ी की सफाई
इंदौर जिले में जन अभियान परिषद के तत्वावधान में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत देपालपुर के प्रसिद्ध मंगलेश्वर मंदिर स्थित प्राचीन सूरजकुंड बावड़ी की सफाई का महाअभियान आयोजित किया गया। इस अभियान में परिषद की प्रस्फुटन समितियों के सदस्य, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के छात्र, नवांकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। सफाई अभियान के दौरान सूरजकुंड बावड़ी की गंदगी को हटाकर जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता का संदेश दिया गया।


जल क्षेत्रों के पास पौध-रोपण की योजना
बुरहानपुर जिले में कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा सावली तालाब के गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इससे क्षेत्रवासियों की जल की आपूर्ति पूर्ण हो सकेगी। वहीं तालाब के गहरीकरण से वन्य जीवों, पशुओं तथा आस-पास के पेड़-पौधों के लिए भी लाभदायक रहेगा। जिले में 3 माह तक चलने वाले अभियान का उद्देश्य नये तालाब बनाना वहीं पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार, पुनर्जीवन व गहरीकरण करना है। अभियान अंतर्गत जल क्षेत्रों के आसपास पौध-रोपण किये जाने की योजना भी तैयार की जा रही है।


ताप्ती घाट पर की गई सफाई
खंडवा जिले के विकासखंड खालवा के ग्राम नागौतार में ताप्ती घाट पर साफ-सफाई अभियान चलाया गया। घाट की सफाई में एकत्र किया गया कूड़ा-कचरा उचित स्थान पर निस्तारित किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। बच्चों और ग्रामीणों ने जल संरक्षण के महत्व को समझा और इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। घाट की सफाई का कार्य आगे भी जारी रहेगा।


तालाब विस्तारीकरण के लिये 10 लाख रुपये मंजूर
कटनी जिले की जनपद पंचायत रीठी में विभिन्न जल स्रोतों नदी, तालाबों, कुआं, बावड़ी तथा अन्य जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के कार्य के लिए सभी ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के कार्यों के साथ-साथ सफाई के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम पंचायत जमुनिया में जिला पंचायत कटनी में 10 लाख रूपये की लागत से तालाब विस्तारीकरण कार्य स्वीकृत किया गया है। यह कार्य प्रगतिरत है। कार्यस्थल पर पीने का पानी, छाया एवं उपचार किट की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की गई। इस तालाब का जीर्णोद्धार हो जाने से पशुओं को पीने के लिये पानी तथा ग्रामीणों को निस्तार के लिये पानी उपलब्ध होगा। इस कार्य से 2 हजार 500 मानव दिवसों का स्थानीय स्तर पर ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध होगा।


जन-जागरूकता के लिये जल संगोष्ठी, दीवार लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सहयोग
नरसिंहपुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में एनसीआई हाई स्कूल बसुरिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम में शिक्षकों ने विद्यार्थियों और जन-समुदाय को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। ग्रामीणों को बताया गया कि यदि अभी भी हम जल के महत्व को नहीं समझे, तो लोगों को भविष्य में जल को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता। आने वाली पीढ़ी के लिए हम सभी को मिलकर जल का सदुपयोग करने और जल का दुरूपयोग रोकना होगा। लोगों को जल संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जल संगोष्ठी, रंगोली प्रतियोगिता, दीवार लेखन, लोकनाट्य, लोकगीत व अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।


जल है तो कल है, आओ मिलकर कदम बढ़ाएं
शहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रगति पर है। गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में 30 जून 2025 तक जल को सहेजने, संरक्षण एवं संवर्धन के लिये जल संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के समस्त जनपद पंचायत के ग्रामों में ग्रामीण उत्साह एवं उमंग के साथ जल का महत्व समझते हुए श्रमदान कर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। जन-सामान्य को बताया जा रहा है कि जल है तो कल है, आओ मिलकर कदम बढ़ाएं"। जल गंगा संवर्धन अभियान में जिले की नगरपालिका ब्यौहारी के वार्ड नंबर-2 के चौधरी तालाब में लोगों ने श्रमदान कर जल संरक्षण का संदेश दिया।

 

Kolar News 15 May 2025

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