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प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों की भौतिक स्थिति जानने के लिये 15 जिलों की करीब 12 हजार 644 वक्फ सम्पत्तियों की जीआईएस मेपिंग की गई है। यह जानकारी वामसी ऑनलाइन www.wamsi.nic.in पर भी उपलब्ध कराई गई है। इस व्यवस्था से वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण के प्रकरणों की जानकारी मिल रही है। वक्फ बोर्ड द्वारा अतिक्रमण हटाने के संबंध में जिला प्रशासन के साथ मिलकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। वक्फ बोर्ड पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहा है। वक्फ बोर्ड द्वारा 5 लाख रूपये से अधिक आय वाली सम्पत्तियों के उचित प्रबंध और आय बढ़ाने के लिये कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय वक्फ निगम द्वारा मध्यप्रदेश वक्फ के 4 बड़े वक्फों को विकसित करने के लिये चिन्हित किया गया है।बोर्ड ने अपनी कार्य-प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिये उर्स-मेलों की खुले बाजार में नीलामी की कार्यवाही की है। इससे वक्फ की आमदनी में वृद्धि हुई है। प्रदेश में करोड़ों के बाजार मूल्य की वक्फ सम्पत्तियाँ, जो राजस्व रिकॉर्ड में किसी अन्य के नाम नामांतरण हो गई थीं, बोर्ड के प्रयास से वापस वक्फ सम्पत्ति के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराई गई हैं।बोर्ड द्वारा मुस्लिम बच्चों में उच्च शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करने के भी बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। बोर्ड ने जकात फाउण्डेशन ऑफ इण्डिया के साथ मिलकर आईएएस और आईपीएस की तैयारी के लिये उच्च स्तर की नि:शुल्क कोचिंग क्लॉस प्रारंभ करने की बड़ी पहल की है।
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