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भोपाल का पहला गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन का निर्माण कार्य पूरा
भोपाल का पहला गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन का निर्माण कार्य पूरा

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए भोपाल के पारेषण नेटवर्क को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए प्रदेश का दूसरा तथा भोपाल का पहला जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) का निर्माण पूरा कर लिया है। करीब 38 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से भोपाल की घनी आबादी स्थित ई-8 अरेरा कालोनी में 50 एम.व्ही.ए. क्षमता के साथ इस सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया। ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि इस सबस्टेशन के प्रारंभ हो जाने से मध्य भोपाल क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ भोपाल को अति उच्चदाब सबस्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है। भोपाल शहर में मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का यह 11वाँ अति उच्चदाब सबस्टेशन है जो क्रियाशील है।

 

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि भोपाल में विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को भोपाल शहर में अतिरिक्त सबस्टेशन के निर्माण की जरूरत महसूस हुई। भोपाल जैसी घनी आबादी में परम्परागत सबस्टेशन और लाईनों के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता न रहने के कारण मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने भोपाल में जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया।

 

जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) के निर्माण में परम्परागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की जरूरत पड़ती है। इस तकनीक से सबस्टेशन के निर्माण का बजट परम्परागत सबस्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है, पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने राजधानी भोपाल की जरूरत को देखते हुए इस निर्माण की मंजूरी दी। गैस इंसुलेटेड चेंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है। इन्हें बोलचाल की भाषा में ‘‘मेंटीनेंस फ्री’’ सबस्टेशन भी कहा जाता है।

 

प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि इस 132 के.व्ही. जी.आई.एस. सबस्टेशन के निर्माण से सबसे अधिक फायदा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहपुरा, ई-8 अरेरा कालोनी, गोविंदपुरा एवं त्रिलंगा क्षेत्र के लगभग 5 लाख की घनी आबादी को होगा। इन्हें गुणवत्तापूर्ण विद्युत उचित वोल्टेज पर प्राप्त हो सकेगी। साथ ही 33 के.व्ही. फीडरों की लंबाई कम हो जाने से इन लाइनों में विद्युत व्यवधान होने की स्थिति में जल्द सुधार कार्य संभव हो सकेगा। इस नवनिर्मित सबस्टेशन से भोपाल की घनी आबादी में 33 के.व्ही. के 8 फीडरों को विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।

 

Kolar News 29 September 2022

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