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इंदौर में बुधवार को रंगपंचमी पर निकलेगी पारंपरिक गेर
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इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में रंगपंचमी पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध पारंपरिक गेर बुधवार को निकलेगी। करीब तीन किलोमीटर लंबी गेर में देश-विदेश के लाखों लोग शामिल होंगे। जिला प्रशासन ने गेर के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। राजवाड़ा को ढंक दिया गया है, ताकि रंगों के कारण वह खराब न हो। हुड़दंगियों और उत्पात मचाने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इसी के साथ ही गेर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।


महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को बताया कि इंदौर की यह ऐतिहासिक गेर न केवल स्थानीय नागरिकों बल्कि विदेशी मेहमानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होती है। इसे देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी आगंतुक को असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि गेर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होने के लिए आ रहे हैं। सभी व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गेर के बाद सफाई व्यवस्था की भी पूरी तैयारी की जा चुकी है। 500 से ज्यादा कर्मचारी और संसाधन एक साथ लगकर रिकॉर्ड टाइम में पूरे गेर मार्ग को साफ करेंगे। इस बार के भी फोटो-वीडियो यूनेस्को को भेजे जाएंगे। भारत सरकार से भी निवेदन किया है कि यूनेस्को में पत्र भेजे और उनकी विजिट कराए।


पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गेर के पूरे रूट में 100 से 200 मीटर के सेक्टर बनाए जा रहे हैं, ताकि उसमें प्रभावी तरीके से सुरक्षा व्यवस्था की जा सके। साथ ही अन्य आकस्मिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इमरजेंसी एग्जिट रूट बनाए जा रहे हैं। हाइराइज की व्यवस्था भी की जा रही है।


कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर को लेकर सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गेर मार्ग पर आइडेंटिफिकेशन किया गया है। कहां-कहां मंच लगाने हैं, कहां वॉच टावर बनेंगे, सीसीटीवी कैमरे लगाने की जगह भी निर्धारित की गई है। गलियों में बीच-बीच में एग्जिट रूट बनाए हैं। वहां एम्बुलेंस भी रहेगी, अगर कोई घटना हो जाती है तो उसके जरिए बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि गेर के पुराने वीडियो में जूते-चप्पल फेंकने की घटना हुई थी। यह दोबारा न हो इसका प्रयास किया जाएगा। जनता से अपील है कि यूनेस्को में इस धरोहर को शामिल करने के लिए प्रयास करें। इसको और अधिक भ‌व्य बनाया जाए। गेर जितना सेफ होगा, हमारे लिए और इंदौर के लिए अच्छा होगा।


गेर आयोजक कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि इंदौर की गेर की पहचान पूरे देशभर में है। आज से 75 साल पहले 48 और 50 के दशक में उनके पिता प्रेमस्वरूप खंडेलवाल, बाबूलाल गिरी और सत्यनारायण सत्तन साहब ने मिलकर इंदौर में गेर की शुरुआत की थी। बैलगाड़ी से शुरू हुआ गेमिसाइल, टैंकर, डीजे सहित मॉडर्न साधनों तक पहुंच चुका है। गेर में अब ट्रैक्टर-ट्रॉली, डीजे, पानी के टैंकर और अन्य गाड़ियां शामिल होने लगी हैं। रंगपंचमी की गेर देखने के लिए लोग छतों पर बुकिंग कराने लगे हैं। पहले की अपेक्षा अब लाखों की संख्या में लोग इस गेर में शामिल होने लगे हैं। नगर निगम गेर में पिछले दो साल से आधिकारिक रूप से शामिल होने लगा है। इसमें अब विदेशी भी शामिल होने के लिए आने लगे हैं।


रंगपंचमी पर इंदौर में निकलने वाली गेर देखने देश और दुनियां के अलग-अलग हिस्सों से लोग इंदौर पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन ने गेर मार्ग पर करीब कई मकान और उनकी छतें चिन्हित की हैं, जिनके सामने पर्यटक और विदेशी पर्यटक बैठकर गेर देख सकेंगे। यहां पर पुलिस के भी पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं। इन छतों को बुक माए शो पर बुक कर सकते हैं। अनुमान है कि 200 से 250 लोगों की बैठक व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। बुकिंग करवाने के बाद घर की छतों से गेर देखने के लिए लोगों को कोई असुविधा न हो, इसलिए वालंटियर छतों की व्यवस्था संभालेंगे।


रंगपंचमी पर अलग-अलग हिस्सों से निकलने वाली पारंपरिक गेर जब राजबाड़ा के सामने पहुंचेगी तो बेहद दिलचस्प नजारा होगा। राजबाड़ा पर‍ किसी भी प्रकार से रंग न लगे और उसे नुकसान न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने उचित इंतजाम कर रखे हैं। राजबाड़ा को पूरी तरह से ढक दिया गया है। भीतर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार राजबाड़ा के पास गेर मार्ग की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम हेतु पर्याप्त टेन्ट व्यवस्था करने तथा गेर यात्रा के साथ एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

 

Kolar News 18 March 2025

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