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भोपाल । बाघों के गढ़ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में यहा का प्रबंधन बाघ के साथ दूसरे वन्य-प्राणियों का भी पूरा ध्यान रखता है। बांधवगढ टाइगर रिजर्व स्थित हाथी कैंप में पीसीसीएफ वाईड लाईफ व्ही.एन. अमबाडे की उपस्थिति में शनिवार को सात दिवसीय "हाथी महोत्सव" का शुभारंभ हुआ। हाथियों को सुबह नहलाने-सजाने के साथ विभिन्न प्रकार के फल, गन्ना, नारियल और गुड़ खिलाया गया। हाथियों को स्वस्थ रखने के दृष्टिगत से उनसे एक सप्ताह तक कोई काम नहीं लिया जाएगा।
सात दिन हाथियों की दिनचर्या में सुबह हाथियों को अच्छे से नहलाया जाता है और उसके बाद नीम और अरंडी के तेल की मालिश की जाती है। सभी हाथियों को सजया-संवारा जाकर उनके मनपसंद व्यंजन दिये जाते हैं। इसके बाद रोटी खिलाकर जंगल में आराम से विचरण करने के लिए आजाद छोड़ दिया जाता है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी महोत्सव में हाथियों के लिये सात दिन विशेष भोजन के साथ उनकी आवभगत होती है। हाथियों को केला, अमरूद, पानी वाला नारियल, गन्ना, मौसमी फल, मक्का और 10 रोटी दी जाती है। एक रोटी एक किलो की होती है। हाथी महोत्सव में आस पास के क्षेत्रों के ग्रामीणजन अपने परिवार के साथ ताला गेट के रामा कैंप पहुंचते हैं और हाथियों को फल खिलाते हैं। हाथियों के साथ फोटो खिचवाकर उनकी दिनचर्या को जानते समझते हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन का हाथी महोत्सव का उद्देश्य हाथियों और उनके महावतों को आराम देना है। साथ ही ग्रामीण भी हाथी के बारे में और उनके व्यवहार से परिचित हो। इसके लिये हाथी महोत्सव में सभी के लिए प्रवेश रहता है। यह महोत्सव वन-प्राणियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में फैली भ्रांतियों को भी दूर करना है।
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