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उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज के दिन बुधवार को सुबह 11:57 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये। अब बाद शीतकाल के छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में होंगे।
बुधवार को श्री पांच पंडा समिति यमुनोत्री धाम के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया है कि भैया दूज के दिन बुधवार सुबह मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की डोली यमुनोत्री धाम पहुंची। यहां विधिवत पूजा अर्चना एवं हवन के बाद 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये।
सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंद करने के बाद मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम से शनि देव की डोली की अगुवाई में अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए प्रस्थान कर दिया। शीतकाल के दौरान छह माह तक मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होगी। अब अक्षय तृतीया के दिन ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इस बार के सीजन में 7,35,194 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किये।
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