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भोपाल। रेलवे ने अपनी आय बढ़ाने के लिए ट्रेनों के कोचों में विज्ञापन लगाए। निजी कंपनियों के अलावा मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार करने वाले विज्ञापन भी कोचों में चस्पा किए गए, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद भी रेलवे ने कई कोचों से शासकीय योजनाओं से जुड़े विज्ञापन नहीं हटाए, जिस पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है।
दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन आयोग को शिकायत की है कि प्रदेश के कई शहरों से गुजरने वाली ट्रेनों के कोचों में शासन की योजना खासतौर पर लाड़ली बहना के पोस्टर लगे हैं, जिन्हें आचार संहिता लगने के बाद भी नहीं हटाया गया है।
शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को इसकी जांच कर रेलवे प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। रेल मंडल प्रशासन ने भी अपने मैकेनिकल, कामर्शियल और आपरेटिंग विभाग से कोचों में विज्ञापन और उनकी वर्तमान लोकेशन मांगी है, ताकि तत्काल उन्हें हटाया जा सके।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की सीमा में छह रेल मंडल आते हैं, जिनमें जबलपुर, रतलाम, भोपाल, झांसी, नागपुर और बिलासपुर रेल मंडल शामिल हैं। प्रदेश से प्रतिदिन 500 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें अधिकांश ट्रेनें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से शुरू होती हैं या फिर यहां से गुजरती हैं। रेल प्रशासन का दावा है कि उन्होंने ट्रेनों के कोचों में लगे शासकीय योजनाओं के विज्ञापन हटा दिए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वंदेभारत सहित अभी भी कई ऐसी ट्रेनें हैं, जिसमें विज्ञापन लगे हैं। चुनाव आयोग की नाराजगी के बाद रेलवे प्रशासन इन ट्रेनों पर लगे विज्ञापनों की जानकारी लेने में जुटा है।
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, कोटा और भोपाल मंडल की ट्रेनों के अलावा स्टेशन और सर्कुलेशन एरिया में शासकीय योजनाओं से जुड़े विज्ञापनों को लगाया गया था। इंदौर-भोपाल-नागपुर और रानी कमलापति-जबलपुर-रीवा वंदेभारत ट्रेन में भी विज्ञापन लगे थे। जबलपुर और भोपाल मंडल को इन विज्ञापन को हटाने कहा गया। इस पर स्टेशन और सर्कुलेशन एरिया के विज्ञापन हटा दिए, लेकिन ट्रेनों से नहीं हटाए।
इस संबंध में जलबपुर कलेक्टर सौरभ सुमन का कहना है कि आचार संहिता लगते ही जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम को शासकीय योजनाओं के सभी विज्ञापन हटाने कहा गया था। अब जांच की जाएगी और यदि इन्हें नहीं हटाया गया होगा तो जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विश्वरंजन का कहना है कि स्टेशन, प्लेटफार्म, सर्कुलेशन एरिया और ट्रेनों के कोचों में लगे विज्ञापनों को हटा दिया गया है। इसके बाद भी यदि कोई कोच रह गया है तो उसकी हम जांच करा रहे हैं, ताकि उनसे विज्ञापन हटाएंगे।
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