Advertisement
जन-सामान्य को जोड़ कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। प्रदेश में संजीवनी क्लीनिक मॉडल का नवाचार इसका प्रमाण है। स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की चुनौतियों को समुदाय के साथ साझा करते हुए, समुदाय के लोगों को दायित्वों के निर्वहन में भागीदार बना कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का अधिक परिणाममूलक क्रियान्वन सुनिश्चित किया जा सकता है। शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम की चुनौतियों एवं नवाचार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और विश फाउंडेशन द्वारा शनिवार को हुई। राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने यह विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में केन्द्रीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं के अधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञ तथा विश फाउंडेशन के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। संगोष्ठी में भोपाल, इन्दौर और जबलपुर में संचालित शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। साथ ही संजीवनी क्लीनिक पर नॉलेज मैनेजमेंट डाक्यूमेंट का विमोचन भी किया गया। केन्द्रीय शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम की अतिरिक्त आयुक्त डॉक्टर ज्योति रावत, प्रदेश के संचालक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. पंकज जैन, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. के.के. रावत और विश फाउंडेशन के सीनियर डायरेक्टर डॉ. राजेश खन्ना ने भी संबोधित किया।
Kolar News
20 November 2022
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|