उज्जैन। शनिवार 21 जून को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खगोलीय घटना एक बार फिर सम्पन्न होगी। दिन सबसे बड़ा होगा और रात सबसे छोटी। जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त के अनुसार दिन 13 घण्टे 34 मिनिट का और रात 10 घण्टे 26 मिनिट की होगी। इस दिन दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर परछाई गायब हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को वेधशाला में शंकु यंत्र पर देखा जा सकेगा। शर्त यह है कि इस दिन मौसम साफ हो याने आसमान में बादल न हो,बारिश न हो रही हो।
डॉ.गुप्त ने बताया कि हर वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है। चूंकि उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है,इसलिए इस दिन दोपहर को गणना अनुसार तय समय पर सूर्य की परछाई कुछ सेकण्ड के लिए गायब हो जाती है। वेधशाला परिसर में शंकु यंत्र है। यह यंत्र दो भागों उत्तरी गोलाद्र्ध और दक्षिणी गोलाद्र्ध में अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के साथ विभाजीत है। बीच में एक लोहे की राड गड़ी हुई है। 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर इस राड की परछाई शून्य हो जाएगी। याने परछाई बनेगी ही नहीं। यही समय रहेगा जब सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध से दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्योदय प्रात: 5.42 पर और सूर्यास्त सायं 7.16 बजे होगा। इसके बाद सूर्य 22 जून से दक्षिणी गोलाद्र्ध में चला जाएगा। जैसे-जैसे दिन आगे बढेंगे 23 सितंबर को दिन और रात बराबर हो जाएंगे। इसके बाद दिन छोटा और रात बढ़ी होने लगेगी। क्योंकि दक्षिणी गोलाद्र्ध में होने के कारण सूर्य की किरणें हमारी ओर तिरछी पड़ेगी,इस कारण किरणों का ताप कम हो जाएगा। जिसे हम ठण्ड आने की बात के रूप में जानेंगे।