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नेशनल हाईवे से अंबाह जाने वाले ट्रैफिक का लोड कम करने के लिए शहर में एलीवेटेड रोड बनाने का काम नवंबर के विधानसभा चुनाव से पहले शुरू होगा। इसके लिए 280 करोड़ रुपए की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए नई दिल्ली भेजने की तैयारी है।इधर नगर निगम ने एलीवेटेड रोड की कनेक्टिविटी के लिए हाईवे से मंडी गेट तक 800 मीटर लंबाई की सीसी सड़क पर डामर कराने की योजना तैयार की है। एलीवेटेड रोड का प्रयोग चंबल संभाग के मुरैना में पहली बार हो रहा है। इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि 1982 में बने रेलवे ओवरब्रिज से वाहनों की आवाजाही बढ़ जाने के कारण वहां जाम के हालात बनते हैं।विवाह सहालगों में वाहन फंसने से एम्बुलेंसों का निकलना संभव नहीं हो पाता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्रीय भूतल मंत्रालय ने मुरैना में एलीवेटेड रोड बनाने को मंजूरी दी। लोक निर्माण विभाग एनएच ने एलीवेटेड रोड को 2.7 किमी लंबाई, आउट टू आउट 12 मीटर चौड़ाई व 9 मीटर ऊंचाई में बनाने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई है।इस पर लगभग 280 कराेड़ रुपए का व्यय आएगा। पीडब्ल्यूडी एनएच के महाप्रबंधक ज्ञानवर्धन मिश्रा के मुताबिक, एलीवेटेड रोड के लिए पुल बनाने पर केंद्र सरकार 190 करोड़ रुपए का फंड देगी। 18 करोड़ रुपए से रेल लाइन के बीच दो पिलर बनाए जाएंगे। इसके अलावा 72 करोड़ रुपए का व्यय पानी की पाइप लाइन शिफ्ट करने से लेकर बिजली की लाइन अन्यत्र खड़ी करने समेत एलीवेटेड रोड के लिए निजी जमीन के अर्जन पर किया जाएगा।मुरैना की एलीवेटेड रोड़ के लिए बजट मंजूर करने के वास्ते केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को पत्र लिखा है। पत्र में इस सड़क का महती आवश्यकता का जिक्र भी किया गया है।
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