महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा
कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।
सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।
रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।
कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।