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उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को अर्पित पंचामृत जल उपचार के बाद श्रद्धालुओं को उपलब्ध हो। यह बात महापौर मुकेश टटवाल ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को लिखे एक पत्र के माध्यम से कही है। उन्होंने दूसरे चरण में शिप्रा नदी का पानी पीने योग्य बनाने के लिए भी प्लांट लगाने की जरूरत भी बताई है।
महापौर मुकेश टटवाल के समक्ष गुरुवार को सिंगापुर के जल वैज्ञानिक डा. शैलेश खरकवाल ने शिप्रा नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए अपनी योजना प्रस्तुत की थी। इस दौरान नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, जल कार्य एवं सीवरेज विभाग के प्रभारी सदस्य रहे शिवेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित थे। डॉ. खरकवाल ने बताया था कि एक प्लांट लगाकर कैसे पानी पीने योग्य बनाया जा सकता है। कार्य योजना समझने के बाद उसके क्रियान्वयन को लेकर महापौर ने कलेक्टर को पत्र लिखा है।
महापौर टटवाल का कहना है कि कानीपुरा मार्ग पर स्थित सुजलाम मल्टी के वेस्ट वाटर को उपचारित कर पुनः उपयोग करने हेतु भी प्लांट लगाया का सकता है। ये पानी उद्यान के पेड़-पौधों आदि में उपयोग किया जाएगा। पत्र में लिखा है कि श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का प्रतिदिन पंचामृत से अभिषेक किया जाता है एवं अर्पण किए पंचामृत को व्यर्थ ही बहा दिया जाता है। इस पंचामृत के सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुये पंचामृत का उपचार कर प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं में वितरण किए जाने पर विचार किया जा सकता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की आगामी बैठक में इस विषय को शामिल कर नगर निगम को इस संबंध में कार्ययोजना (प्रोजेक्ट) तैयार करने एवं क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति अपेक्षित है।
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