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मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की श्रृंखला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव के मुख्य आतिथ्य में डॉ. विश्वैश्वरैया सभागार, जल भवन, भोपाल में सेमीनार हुआ। सेमीनार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के 39 जिलों के करीब 10 हजार से अधिक जल-स्रोत विहीन ग्रामों के लिये शुद्ध पेयजल की कार्य-योजना तैयार करना और आम लोगों में जल-संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये जागरूकता लाना है। राज्य मंत्री यादव ने कहा है कि प्रदेश में निरंतर गिर रहे जल-स्तर से आमजन प्रभावित न हो और सभी को उनकी जरूरत के अनुसार पानी मिल सके, इसके लिये जल-संरक्षण बहुत जरूरी है। उन्होंने अपने गाँव की तालाबी खेती का उदाहरण देकर जल-संरक्षण की उपयोगिता को समझाया। राज्य मंत्री यादव ने कहा कि जल-संरक्षण एवं संवर्द्धन को एक निरंतर प्रक्रिया के रूप में चलाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जल की दीर्घकालिक उपलब्धता के लिये जल-संरक्षण जरूरी है, तभी हम लम्बे समय तक पेयजल योजनाओं का बेहतर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव पीएचई मलय श्रीवास्तव ने कहा कि जल-जीवन मिशन से ग्रामीण परिवारों को जल देने की व्यवस्था की जा रही है। यह बहुत जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्र में जल-संरक्षण एवं संवर्द्धन के समुचित उपाय किये जायें। उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों को जल-संरक्षण के लिये जागरूक करना हम सबकी जिम्मेदारी है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जल-स्रोत विहीन ग्रामों की जल-प्रदाय व्यवस्था के लिये स्थानीय स्रोतों के अनुरूप और ग्रामीणजनों की सहभागिता को शामिल करते हुए बेहतर कार्य-योजनाएँ बनाई जाना चाहिये। निदेशक केन्द्रीय भू-जल बोर्ड राकेश सिंह ने जल-स्रोत विहीन ग्रामों की पेयजल व्यवस्था के संबंध में विशेष कार्य-योजना तैयार किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहाकि विभाग इस कार्य-योजना में ग्रामीण आबादी से पूरी तरह समन्वय बना कर जल-संरचनाओं का निर्माण करे।
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