Advertisement
रतलाम। जिले का तीन हजार की आबादी वाला बोदिना गांव बुधवार रातभर दहशत में रहा। रात 10 बजे गांव के एक घर में तेंदुआ घुस गया। गुरुवार अलसुबह उज्जैन से पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंक्युलाइज करके पकड़ लिया। इससे पहले उसी घर में सो रहे 12 साल के एक बच्चे को गांव को साहसी ग्रामीणों ने छत पर लगी शीट हटाकर सुरक्षित निकाल लिया था।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव में दुकान के पास से बाइक से निकल रहे खोकरा गांव के जितेंद्र जमादार ने रात करीब 8 बजे तेंदुआ देखा। उसने कॉल कर गांव के आशीष पाटीदार को बताया। गांववाले इकट्ठा हुए, तब तक तेंदुआ 700 मीटर दूर नई आबादी स्थित गोपाल हायरी के घर के बाहर जा पहुंचा। घर के बाहर शोर सुनकर गोपाल की पत्नी यशोदा और बेटी कुमकुम दरवाजे पर आईं। उन्हें घर के बाहर बने वॉशरूम की बरसाती के पास तेंदुआ दिखा तो वे घबराकर घर से बाहर निकल गईं। इतने में तेंदुआ घर में घुस गया। लेकिन यशोदा का 12 साल का बेटा अमित घर में ही सो रहा था।
यशोदा ने गांव के लोगों को बताया कि उसका बेटा अमित तो घर में ही सोया है। इस पर गांव के दिनेश पाटीदार और समरथ पाटीदार ने हिम्मत जुटाई और घर की छत के चादर हटाकर अंदर उतरे। दिनेश ने तेंदुए की नजरों के सामने ही धीरे से बच्चे को उठाया। इतने में समरथ छत पर चढ़ गया। दिनेश ने छत पर खड़े समरथ को बच्चे को दे दिया। फिर वह भी पाट पकड़कर ऊपर चढ़ गया।
इसके बाद इंदौर और उज्जैन से वन विभाग की टीमें पहुंची। गुरुवार सुबह 4 बजे से 5.30 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। टीम ने तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज कर बाहर निकाला। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह नर तेंदुआ है। बीमार भी लग रहा है। तेंदुए को पिंजरे में रखकर इंदौर ले जाया गया है, वहां उसका मेडिकल चेकअप होगा।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |