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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में यूजीसी के चेयरमैन प्रो. जगदीश कुमार से हुई मुलाक़ात के दौरान उन्होंने माना है कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन के साथ स्नातक स्तर पर जो पाठ्यक्रम लागू किए हैं वह मॉडल बन सकते हैं। मंत्री डॉ. यादव ने कहा है पूरे प्रदेश में पाठ्यक्रम का स्वरूप एक जैसा हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्यप्रदेश में लागू पाठ्यक्रम उच्च स्तरीय है। प्रयास किये जाए कि इनका लाभ विद्यार्थियों को मिले। विश्वविद्यालय नीति के लाभों पर केन्द्रित कार्यशाला करें और विद्यार्थियों को अधिक से अधिक जागरूक करें। डॉ. यादव ने ये बात सोमवार को मंत्रालय में टास्क फोर्स समिति और विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ हुई बैठक में कही। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक अनुशासन की दृष्टि से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एकरूपता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एन ई पी के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय और संभाग स्तर पर कार्यशाला करें। युवा उत्सव जैसे बड़े कार्यक्रम कर युवाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बारीकियों से रू-ब-रू कराएँ। डॉ. यादव ने विदेशी छात्रों के आधार पाठ्यक्रम में आ रही कठिनाई के निराकरण के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधार पाठयक्रम में जो छात्र 20 क्रेडिट से ज्यादा अर्जित किया है परंतु फाउंडेशन में फेल हो गए हैं, वे पूरक परीक्षा दे सकते हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय अगले 25 सालों के लिए उच्च शिक्षा के बेहतर भविष्य के लिए कार्य-योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पहल से विद्यार्थी अपनी रूचि अनुसार पाठयक्रम का चयन कर, इंटर्नशिप और अप्रेंटशिप के विकल्प को अपना कर अपने कौशल को निखार सकते हैं। आयुक्त उच्च शिक्षा कर्मवीर शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की प्रगति और नवाचार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्नातक प्रथम वर्ष के 85 विषय एवं द्वितीय वर्ष के 83 विषय के परिणाम आधारित पाठयक्रम पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। स्नातक तृतीय वर्ष के लिए 82 विषय के केंद्रीय अध्ययन मंडलों द्वारा 60 पढयक्रम निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही 40 प्रमुख विषयों के 1450 से अधिक ई-कंटेंट, ई-शिक्षा एलएमएस पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। शर्मा ने बताया कि प्रदेश की शिक्षण संस्थानों द्वारा 12 अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए गए हैं। इसमें प्रमुख संस्थानों के साथ ऑनलाइन व्याख्यान, सेमिनार, वर्कशॉप आदि से 157 शिक्षक और 258 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा शैलेन्द्र सिंह और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुल सचिव उपस्थित थे।
Kolar News
22 November 2022
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