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भोपाल । मध्यप्रदेश में इन दिनों मानसून मेहरबान है और जमकर बारिश हो रही है। शुक्रवार को भी यहां तेज बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के 18 जिलों में जमकर पानी गिरा। सबसे ज्यादा बारिश रायसेन में 3.3 इंच हुई। यहां नदी-नालों में बाढ़ आ गई। मुख्य बाजार में तीन फीट पानी भर गया। बेगमगंज में एक स्कूली ऑटो बह गया। नर्मदापुरम में 2.1 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। पचमढ़ी, भोपाल-नौगांव में भी 1 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। इसके अलावा, छिंदवाड़ा, उज्जैन, धार, रतलाम, मंडला, गुना, मलाजखंड, बैतूल, इंदौर, जबलपुर, खजुराहो, सतना और सीधी में भी पानी गिरा।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी सक्रिय हैं। इस वजह से प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में भोपाल समेत 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। भोपाल संभाग के सीहोर, रायसेन, राजगढ़ के अलावा आगर मालवा, सागर, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर और गुना में बाढ़ की चेतावनी जारी की है।
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रायसेन में 83, नर्मदापुरम में 53, पचमढ़ी में 43, भोपाल में 30, नौगांव में 25, छिंदवाड़ा में 22, उज्जैन में 18, रतलाम एवं धार में नौ, गुना एवं मलाजखंड में आठ, खजुराहो एवं सीधी में तीन, बैतूल एवं इंदौर में एक, सतना में 0.5 और जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
रतलाम में शुक्रवार को दिनभर रुक-रुककर रिमझिम-तेज वर्षा होती रही। इससे वातावरण खुशनुमा बना रहा। गुरुवार रात तेज वर्षा से रतलाम की सड़कों पर तीन से चार फीट तक पानी जमा हो गया था। 24 घंटे में शहर में 151 मिमी और बाजना में 180 मिमी वर्षा हुई। अच्छी वर्षा से सैलाना के दोनों केदारेश्वर में करीब 30 फीट ऊंचाई से झरना गिरना प्रारंभ हो गया है। जिले में अब तक औसत 359.13 मिमी वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष इस अवधि में 575.75 मिमी पानी बरसा था।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, श्यौपुरकलां, शिवपुरी, बुरहानपुर, बैतूल, खंडवा, हरदा, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, सीधी, सागर, नरसिंहपुर में भारी वर्षा होने की संभावना है। शेष स्थानों पर मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उत्तरी बंगाल की खाड़ी एवं उससे लगे गांगेय क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, रोहतक, दिल्ली, आगरा, सीधी, डाल्टनगंज, आसनसोल से होते हुए बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र तक जा रही है। दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। महाराष्ट्र पर विपरीत हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है।
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