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शिवपुरी। शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित प्राचीन बलारपुर माता के मंदिर पर वन विभाग द्वारा अघोषित आने- जाने पर रोक लगाए जाने के बाद भक्तजनों के विरोध के बीच वन विभाग अब बैकफुट पर आ गया है। मंदिर पर दर्शनार्थियों के जाने पर रोक-टोक का मामला विवादों में घिर गया था। भक्तजनों ने इस पर अपना आक्रोश जताया था।
इसके बाद जिला प्रशासन की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद हुए निर्णय के अनुसार अब भक्तजन मंदिर तक आ जा सकेंगे मेले में भी भक्तों के जाने पर कोई रोक नहीं होगी।
इस मंदिर पर चैत्र नवरात्रा में सातवें दिन प्राचीन मेला आयोजित होता रहा है, जो करीब 100 वर्षो से यहां लगता है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में शेर लाए जाने के बाद यहां पर वन विभाग ने अघोषित रोक लगा दी थी जिससे मंदिर के भक्तजनों में आक्रोश देखा जा रहा था। मंदिरों के भक्तों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद अब वन विभाग बैकफुट पर है।
बलारपुर मंदिर के महंत प्रयाग भारती द्वारा बताया गया है कि जिला प्रशासन की मौजूदगी में जो निर्णय लिया गया था उसके अनुसार भक्तों के आने- जाने पर कोई रोक नहीं है। पैदल यात्री, गाड़ी से, बाइक से भक्तजन यहां पर आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर पर आने जाने पर कोई रोक नहीं है। मंदिर पर मेला भी भव्य तरीके से लगेगा।
पहले रोका जा रहा था गेट पर -
वन विभाग द्वारा पहले बलारपुर मंदिर के गेट पर लोगों को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। बीते 10 मार्च को यहां पर तीन टाइगर लाए गए थे। तीन टाइगर लाए जाने के बाद अब स्थिति यह है कि यहां पर 20 मार्च को यहां पर खुले जंगल में एक टाइगर छोड़ दिया गया है। खुले में टाइगर छोड़े जाने के बाद वन विभाग के अधिकारी आसपास के ग्रामीणों को उनकी जमीन व मंदिर पर नहीं जाने दे रहे थे। इसके अलावा बलारपुर माता मंदिर पर आने- जाने पर अघोषित रोक लगा दी गई थी। बाद में विवाद बढ़ा तो बैठक हुई। इसके बाद अब मंदिर तक आने जाने में यह रोका हटाई गई है।
चैत्र नवरात्रा में लगता है मेला-
प्रसिद्ध बलारपुर माता का मंदिर काफी प्राचीन है और इस मंदिर से लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। इसके अलावा चैत्र नवरात्रा में यहां पर हर वर्ष मेला लगता है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी आस्था का केंद्र मंदिर है लेकिन यहां पर वन विभाग के कर्मचारी परेशान करते हैं। इस मेले से आस्था रखने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हर साल बलारपुर मेले की व्यवस्था पंचायत के हाथ में रहती थी। आने जाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था। मंदिर के पास लगने वाले मेले पर बड़ी संख्या में दुकानदार अपनी दुकानें भी लगाते थे लेकिन इस बार टाईगर आ जाने के कारण वन विभाग ज्यादा ही परेशान कर रहा है।
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