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देशभर में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी है। जिसके लिए मूर्तिकार तरह-तरह की प्रतिमा जोर शोर से बना रहे हैं। सभी अपने कला का प्रदर्शन कर अच्छी-से-अच्छी प्रतिमा तैयार करने में जुटे हुए हैं। पूरे देश भर में बंगाली रीतिरिवाज से दुर्गा उत्सव मनाया जाता है। जिसमें विधि और विधान के साथ मां की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी कड़ी में जगह-जगह पंडाल बनाए जाते हैं। जिसे अलग-अलग तरीके से सजाया जाता है। जिसमें मां को 10 दिनों के लिए विराजित किया जाता है। इस दौरान मां की सुबह और शाम दोनों टाइम पूजा अर्चना की जाती है। हजारों की संख्या में माता के भक्त मां के दर्शन करने पहुंचते हैं। बता दें कि इस साल 26 सितंबर को मां की कलश स्थापना की जाएगी। जिसे देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। वहीं, अगर हम बात करें पंडालों की तो हर जगह इको फ्रेंडली पंडाल तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसी कड़ी में झारखंड के प्रसिद्ध बाबा धाम यानी देवघर में एक ऐसे इको फ्रेंड ली पंडाल तैयार किया गया है। जिसे देखकर सबके होश उड़ गए हैं। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तो चलिए आज हम आपको उस पंडाल बनाने वालों की विशेषताएं बताते हैं। सबसे पहले आपको यह बता दें कि देवघर में जो इको फ्रेंडली पंडाल बनाया गया है। इसे 12 हजार वेस्ट न्यूजपेपर से तैयार किया गया है। जिसे कलाकारों ने अलग-अलग तरीके से बनाकर महज 25 दिनों में इस पंडाल को तैयार किया है। जो कि देखने में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस पंडाल को कोई और नहीं बल्कि देवघर के मारकंडे जजवाड़े के कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है। जिन्हें भारत सरकार ने सीनियर फैलोशिप मूर्तिकार के अवार्ड से नवाजा था। इन कलाकारों ने रद्दी के भाव बेचे जाने वाले अखबारों का इस्तेमाल कर उन के पन्नों से देवी के पंडाल को एक अलग-सा रूप दिया है वहीं, मार्कंडेय जज्वाड़े ने बताया कि, “जिस न्यूजपेपर को रद्दी में डाल देते हैं हम उन्हें एक नया रूप देकर पंडाल को तैयार किए हैं। जहां लोग सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं”। इस पंडाल को देखने के लिए आसपास के लोग काफी उत्सुक दिखाई दे रहे हैं।
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