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उज्जैन। इस वर्ष श्रावण मास की शुरुआत मंगलवार, 4 जुलाई से हो रही है। मंदिर प्रबंध समिति ने श्रावण मास में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। इस बार 19 साल बाद श्रावण अधि मास के चलते पूरे दो माह रहेंगे। इसलिए पूरे दो माह गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। श्रावण में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर के पट डेढ़ से दो घंटे पहले खोल दिए जाएंगे।
रविवार को महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर की परंपरा अनुसार आम दिनों में महाकाल मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुलते हैं, जबकि श्रावण मास में प्रत्येक रविवार-सोमवार की रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात 3:00 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। मंगलवार से श्रावण मास में शुरुआत हो रही है। इसके लिए सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 3 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके पश्चात भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। सुबह 5 बजे भस्म आरती संपन्न होने के बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि श्रावण-भादौ मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी। मंदिर समिति प्रत्येक शनिवार को त्रिवेणी संग्रहालय के ऑडिटोरियम में श्रावण महोत्सव का आयोजन भी करेगी। इसमें देश के बड़े कलाकार गीत, संगीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे। मंदिर समिति ने सामान्य, वीआइपी व कांवड़ यात्रियों के लिए दर्शन के विशेष इंतजाम किए हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश के लिए इस बार द्वार भी निर्धारित किए गए हैं। सामान्य दर्शनार्थी चारधाम आश्रम के बैरिकेडस से दर्शन की कतार में लगेंगे तथा महाकाल महालोक होते हुए मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से मंदिर में प्रवेश करेंगे। वहीं, शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालु बड़े गणेश मंदिर के सामने गेट नं. 4 तथा मंदिर कार्यालय के सामने गेट नं. एक से मंदिर में प्रवेश करेंगे, जबकि प्रोटोकाल के तहत आने वाले वीआइपी श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर कार्यालय के सामने निर्माल्य द्वार से होगा। इसी तरह देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों को सप्ताह के चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक गेट नं. चार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
महाकाल मंदिर के प्रशासक सोनी ने बताया कि श्रावण-भादौ मास में 4 जुलाई से 11 सितंबर तक दर्शनार्थियों का मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडप से भगवान के दर्शन होंगे। विशेष अनुमति पर वीआइपी श्रद्धालुओं को नंदी हॉल से दर्शन कराए जाएंगे। श्रावण मास के पहले सोमवार पर 10 जुलाई को शाम 4 बजे भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी और 11 सितंबर को शाही सवारी निकाली जाएगी। इस बार श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की 10 सवारी निकलेगी।
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