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उज्जैन। गंगा दशहरा उत्सव मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 80 से अधिक कलाकार लागातार 18 घंटे नृत्य की प्रस्तुति दे रहे हैं, तो पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु-संतों ने नीलगंगा सरोवर में शाही स्नान किया। शाम को श्री शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का समापन होगा। गोधूलि बेला में मोक्षदायिनी शिप्रा को 400 मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई जाएगी। इसके बाद शिप्रा गंगा माता की महाआरती होगी।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गंगा दशहरा पर बीते 35 वर्षों से रसराज प्रभात नृत्य संस्थान के कलाकार नटराज बाबा महाकाल को नृत्यांजलि अर्पित करते आ रहे हैं। इस बार भी भस्म आरती से नृत्यांजलि प्रारंभ हो गई है और शयन आरती तक लगातार 18 घंटे 80 से कलाकार अधिक नृत्य की प्रस्तुति देंगे। संगत कलाकार हर्ष यादव तबला, मानस शर्मा हारमोनियम तथा गायन सृष्टि साहू द्वारा किया जाएगा। बड़वाह के संजय महाजन भी अपने ग्रुप के साथ प्रस्तुति देंगे। नृत्यांगना मृणानिली चौहान एवं साथी कलाकार शिव वंदना की प्रस्तुति देंगे।
गंगा दशहरा पर्व पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा नीलगंगा घाट पर भव्य उत्सव मनाया गया। सुबह 6.30 बजे सिंहस्थ की तर्ज पर साधु-संतों की पेशवाई निकली। समापन पर सुबह सात बजे नीलगंगा सरोवर में साधु-संतों का शाही स्नान हुआ। शाम सात बजे नीलगंगा को 108 फीट की चुनरी अर्पित की जाएगी। महाआरती के उपरांत भव्य आतिशबाजी होगी। सांस्कृतिक सांझ निनाद नृत्य अकादमी की बालिकाओं द्वारा गंगा स्तुति की प्रस्तुति दी जाएगी। इंदौर से आए संगीत दल शिव स्तुति की प्रस्तुति देगा। समापन पर भंडारा महाप्रसादी का आयोजन होगा।
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