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उज्जैन (मप्र)। प्रति वर्ष वैशाख कृष्ण दशमी से प्रारंभ होने वाली पांच दिवसीय पंचक्रोशी यात्रा आज (शनिवार) शुरू हो गई। इसका समापन चतुर्दशी पर 19 अप्रैल को होगा। इस यात्रा में देशभर के 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हैं। यह लोग 118 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इस दौरान पांच पड़ाव तथा दो उप पड़ाव पर रुककर पूजन करेंगे।
ऐसी मान्यता है कि यह धार्मिक यात्रा प्राचीन अवंतिकापुरी के चार द्वारपालों/क्षेत्रपालों का पूजन करके ,नगर की रक्षा की कामना से होती थी। यात्रा के पहले दिन श्रद्धालु पुराने शहर के पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचते हैं। यहां वे एक श्रीफल अर्पित करके यात्रा पूरी करने का बल मांगते हैं।
आचार्य बृजेश चंद दुबे का कहना है कि पहले यह यात्रा अत्यंत कठिन हुआ करती थी, इसलिए श्रद्धालु ईश्वर से शक्ति प्राप्तकर, अपने साथ भोजन की सूखी सामग्री की पोटली भी रखते थे। आज भी यह परंपरा कायम है। हालांकि अब प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं द्वारा निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि यात्रा के पड़ाव पर श्रद्धालुओं द्वारा भजन और भोजन किया जाता है। सामान्यतः अधिक गर्मी के कारण श्रद्धालु रात्रि में यात्रा करते हैं और दोपहर में विश्राम। यात्रा समापन पर सभी शिप्रा नदी के रामघाट पर स्नान करेंगे। इसके बाद अष्ट तीर्थ यात्रा करके समापन होगा।
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