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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए रविवार शाम बेहद खास रही। इस दौरान सूर्य ठीक पश्चिम में अस्त हुआ और लगभग इसी समय वह भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर भी था। सुबह भी सूर्य ठीक पूर्व दिशा में उदित हुआ। इस खगोलीय घटना को प्रायोगिक रूप से दिखाने के लिए नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने छल्लों की मदद से अस्त होते सूर्य से ठीक पूर्व एवं पश्चिम दिशा को नामांकित किया।
विज्ञान प्रसारक सारिका ने बताया कि रविवार को शाम 6 बजकर 13 मिनिट पर सूर्य भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर पहुंचा। सितंबर इक्वीनॉक्स की इस खगोलीय घटना में सूर्य सुबह सबेरे ठीक पूर्व दिशा में उदित हुआ तथा शाम को ठीक पश्चिम दिशा में अस्त हुआ। साल के बाकी 363 दिनों में सूर्य या उत्तर पूर्व में उदित होता है या दक्षिण पूर्व में। यही स्थिति अस्त होने में भी बदलती है। वास्तव में सूर्य तो अपनी जगह स्थिर है लेकिन अक्ष पर झुकी पृथ्वी जब सूर्य की परिक्रमा करती है तो ऐसा लगता है कि सूर्य की स्थिति बदल रही है। अगर आप इस घटना को दोबारा देखना चाहते हैं तो लगभग 6 माह बाद 20 मार्च 2025 को फिर सूर्य ठीक पूर्व दिशा में उदित होगा और ठीक पश्चिम में अस्त।
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