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शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों (1912) को क्रियाशील कर, उनकी क्षमतावृद्धि की गई है। शिकायतों के निराकरण उपरांत उपभोक्ता संतुष्टि के लिए फीडबैक व्यवस्था का भी प्रावधान है। असंतुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत सम्पर्क कर, समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। ऊर्जा मंत्री प्रद्यम्न सिंह तोमर ने कहा है कि बिजली उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए सतत प्रयास जारी हैं। मंत्री सिंह ने बताया है कि वितरण कंपनियों द्वारा मोबाईल एप से फोटो मीटर रीडिंग की जा रही है। इस सुविधा का विस्तार करते हुए उपभोक्ता को हर महीने स्वयं मीटर की फोटो के साथ अपनी रीडिंग अपलोड करने की सुविधा दी गयी है। वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं की बिलिंग के लिए एक अत्याधुनिक एवं नवीन ओपन सोर्स टेक्नालॉजी आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। यह अत्यंत कम खर्च पर विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा बनाया गया है।
कंपनियों द्वारा नये कनेक्शन, संयोजित भार में वृद्धि/कमी, टैरिफ श्रेणी में परिवर्तन, नाम परिवर्तन जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ ऑनलाईन दी जा रही हैं। उपभोक्ताओं द्वारा उच्च एवं निम्न दाब के नये कनेक्शन के लिए आवेदन नाम/भार और उपयोग परिवर्तन, प्रोफाईल में परिवर्तन, बिल भुगतान एवं शिकायत, सेल्फ फोटो रीडिंग, मीटर स्थान परिवर्तन एवं स्थाई विच्छेदन के लिए कंपनियों द्वारा स्मार्ट बिजली एप विकसित किए गए हैं। उपभोक्ताओं को बिल तत्काल उपलब्ध हो सके इस उद्देश्य से "इंस्टेंट बिलिंग व्यवस्था" लागू की गई है। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिलने की शिकायतें दूर होगी तथा विसंगति पाये जाने पर उपभोक्ता द्वारा तत्काल मीटर रीडिंग देख कर उसका निराकरण करवाया जा सकेगा। इस व्यवस्था को लागू किये जाने के बाद बिल सुधार संबंधी शिकायतों में काफी कमी आयी है।
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