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दमोह में घर बनाने के लिए गड्ढे खोदते समय एक लेबर को ब्रिटिश कालीन चांदी के 240 सिक्के मिले हैं। खुदाई करने वाला लेबर इन सिक्कों को लेकर पहले अपने घर पहुंचा, लेकिन उसे पकड़े जाने का डर लगने लगा इसके कारण रात भर नहीं सो पाया, फिर आज बुधवार सुबह वह सिक्कों को लेकर कोतवाली थाने पहुंचा और थाना प्रभारी विजय राजपूत को सौंप दिए। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है।थाना प्रभारी विजय राजपूत ने बताया कि दमोह के बड़ापुरा क्षेत्र में रहने वाले हल्ले अहिरवार ने कोतवाली में लाकर सिक्के सुपुर्द किए हैं। उसका कहना है कि कालम के लिए गड्ढे खोदते समय उसे एक मटके में सिक्के मिले थे। पहले तो वह घर ले गया, लेकिन बाद में उसे कोतवाली में सुपुर्द कर दिए। पुलिस इस मामले में जगह का निरीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई कर रही है।मकान मालिक मीनाक्षी उपाध्याय का कहना है पता ही नहीं चला कब सिक्के मिले और कब लेबर सिक्के लेकर चला गया है। आज काम पर नहीं आया है। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि उनके घर में खुदाई के दौरान चांदी के सिक्के मिले हैं। वहीं मजदूर हल्ले ने बताया कि वो गड्ढा खोद रहा था तो उसे अचानक ये सिक्के मिले, पहले वो इन्हें अपने घर ले गया लेकिन फिर उसे लगा की उस सिक्के पुलिस को दे देना चाहिए। फिर उसमें थाने पहुंच कर टीआई को सिक्के दे दिए।कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि सिक्के पुलिस ने जब्त कर लिए हैं और उनकी कीमत की जानकारी का पता लगाया जा रहा है। सर्राफा व्यापारी राजेश सोनी का कहना है कि ब्रिटिश कालीन विक्टोरिया रानी वाले सिक्के बाजार में ₹800 प्रति सिक्के के हिसाब से बेचे जाते हैं। यदि खुदाई में मिले 240 सिक्कों की कीमत का आकलन किया जाए तो उनकी कीमत ₹1 लाख 92 हजार होगी।जिस जगह कॉलम के लिए गड्ढा खोदते समय लेवर को सिक्के मिले हैं वह काफी पुराना मकान है। जहां पर उपाध्याय परिवार के लोग संयुक्त रूप से रहते हैं। परिसर में एक मंदिर बना हुआ है और वहीं पर कालम बनाकर स्लैप डालने की व्यवस्था की जा रही थी। लोगों का अनुमान है कि घर काफी पुराने हैं, इसलिए 240 चांदी के सिक्के यहां पर खुदाई मैं मिले हैं यदि यहां पर और खुदाई की जाए तो और भी धन मिल सकता है।
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