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उत्तराखंड बस हादसे के बाद एमपी सरकार रोड सेफ्टी के नये उपायों पर नये सिरे से विचार कर रही है। सड़क हादसे रोकने के लिए सरकार नया रोड सेफ्टी प्लान बना रही है। इसमें भारी वाहनों के ऑपरेटर और ड्राइवर के लिए कुछ नए नियम बनाए जाएंगे। नए रोड सेफ्टी प्लान के तहत प्रदेश में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक खोलने की तैयारी है। भारी वाहनों के ड्राइवरों को उस पर ट्रेनिंग दी जाएगी। उसमें पास होने के बाद ही ड्राइवर को हेवी ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा। सरकार के नये प्लान में दो महीने के भीतर संभाग मुख्यालय पर ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर खोले जाएंगे। लंबी दूरी वाले बस ऑपरेटर्स को एक से ज्यादा और कम से कम दो ड्राइवर रखना होगा। दो ड्राइवर होने का प्रमाण पत्र बस मालिकों को देना होगा।
सड़क हादसे रोकने के लिए सरकार ने एक कैबिनेट कमेटी भी बनाई है। 3 सदस्य वाली इस कैबिनेट कमेटी में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को शामिल किया गया है. यह समिति सड़क हादसे कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर एक रिपोर्ट सरकार को देगी. फिर सरकार के स्तर पर उस पर अमल किया जाएगा। उत्तराखंड बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सड़क हादसों को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। उस हादसे में पन्ना के 26 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में भी उन्होंने सड़क हादसों पर चिंता जाहिर की थी। सीएम ने कहा था सड़क हादसे रोकने के लिए समग्र तौर पर प्रयास करना जरूरी है। इसके लिए सरकार के स्तर के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा. सीएम की इसी लाइन पर अब विभाग आगे बढ़ रहा है।
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