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अशोकनगर। जिले के प्रसिद्ध करीला मेले का सोमवार को समापन हुआ। मन्नतें और मान्ययताओं के लिए प्रसिद्ध करीला में मां जानकी मंदिर करीला धाम में तीन दिवसीय मेला का समापन हुआ। इस बार करीला में मुख्य बात ये देखने में आई कि जहां मेले में लाखों का सैलाब तो उमड़ा पर प्रति वर्ष की अपेक्षा इस बार जहां श्रद्धालुओं का कम आना दिखाई वहीं इस बार मध्यप्रदेश में चुनावी वर्ष होने के बावजूद भी यहां कोई बढ़ा व्हीईपी मनोकामना लेकर पहुंचता नहीं दिखा।
गौरतलब हो कि करीला स्थित मां जानकी के दरबार में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज भी समय-समय पर आते रहे हैं, तथा उनकी पत्नि साधाना सिंह भी रंगपंचमी के अवसर पर मनोकामना लेकर ध्वज चढ़ाने आती रहीं हैं। तथा प्रदेश सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव आदि मंत्री भी करीला आते रहे हैं। खास तौर पर चुनावी वर्ष नेताओं का यहां आना बखूबी देखा गया है। पर इस बार प्रदेश में चुनावी साल होने के बावजूद करीला में नेताओं का न आना समझ से परे देखा जा रहा है।
इस दौरान मेला परिसर की व्यवस्थायें जहां पुख्ता रहीं। रंग पंचमी के अवसर पर तीन दिवसीय मेले में मुख्य रूप से मंदिर में मां जानकी के दरबार में लोगों ने मत्था टेककर आर्शीवाद लिया तथा दर्शन लाभ लिए। यहां जानकी के दरबार में आकर लाखों श्रद्धालुओं ने माता जानकी मैया के जयकारों के साथ रैलिंग में कतारबद्ध होकर दर्शन किए तथा मन्नतें मॉगी। मन्नतें प्राप्त हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के बाहर राई एवं बधाई नृत्य करवाया।
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