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बारिश में आम दिनों के मुकाबले ड्राइविंग पैटर्न पूरी तरह से बदल जाता है। वैज्ञानिक शोध एवं रिसर्च के आधार पर यह बात सामने आई है कि बरसात के मौसम में अनुमान आधारित ड्राइविंग ज्यादा होती है जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में अक्सर कार चलाते वक्त लोग कुछ छोटी-बड़ी गलतियां कर बैठते हैं। कई बार खराब मौसम में लोग दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि पुरुष ड्राइवर के मुकाबले महिलाएं गाड़ी चलाते वक्त बरसात में ज्यादा सतर्क रहती हैं। बरसात के मौसम में गाड़ियों की अतिरिक्त देखभाल की जरूरत भी पड़ती है। ऐसे वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों और ड्राइविंग के तौर तरीके को लेकर अधिक सचेत रहने की जरूरत है।बारिश के मौसम में वाहन चालक को अपने स्पीड पर काबू रखना चाहिए, क्योंकि बारिश के कारण रोड पर फिसलन बढ़ जाती है। बारिश के मौसम में कार को अपने कंट्रोल में रखें। कार को कम गति पर चलाए ताकि ब्रेक लगाने पर आप किसी भी दुर्घटना का शिकार न हों। इसके अलावा जितना हो सके उतना आप बारिश में इमरजेंसी में ब्रेक लगाने से बचें।
बरसात के मौसम में सड़को पर पानी की वजह से ब्रेक लगाने में समस्या आती है। इसलिए हमेशा बारिश में वाहन को बहुत आराम से चलाना चाहिये। क्योंकि बारिश में कार हो या मोटरसाइकिल एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है।आम दिनों की तुलना में बारिश के मौसम में वाहन में ज्यादा खराबी आती है। मानसून में ड्राइविंग से पहले अपनी कार की सर्विस जरूर कराएं। इससे भारी बारिश के दौरान ड्राइविंग करने पर भी आपको कार के खराब होने का डर नहीं सताएगा। दीप दीक्षित, एडिशनल डीसीपी, ट्रैफिक का कहना है कि बारिश के मौसम में संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्पीड पर कंट्रोल सबसे ज्यादा जरूरी है। वाहन की रोशनी का बेहतर प्रबंधन एवं ब्रेक सिस्टम सहित गाड़ी के अन्य पुर्जों का मेंटेनेंस जरूरी रहता है। इन सभी बातों पर ध्यान रखकर दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
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