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सामूहिक अवकाश पर मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार
मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार

मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 20, 21 और 22 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान वे कोई भी काम नहीं करेंगे। वॉट्सएप ग्रुप भी नहीं देखेंगे। सरकारी गाड़ियां भी लौटाएंगे। वे प्रमोशन लिस्ट नहीं आने से नाराज हैं।बता दें कि प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ है। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश GAD यानी सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। हालांकि, अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है।प्रमोशन, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगें हैं। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। बावजूद अब तक ये पूरी नहीं की गई है। इसलिए 15 मार्च को हुई कार्यकारिणी की मीटिंग में अब सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है। गुरुवार को उन्होंने काली पट्‌टी बांधकर काम किया। संगठन ने निर्णय लिया है कि छुट्‌टी पर जाने के कारण वे किसी भी प्रकार के काम नहीं करेंगे। प्रशासकीय, कार्यपालिक और न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान डिजिटल डोंगल भी वापस ले रहे हैं। वहीं, सरकारी वाहन भी वापस किया जा रहा है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार तीन दिन की छुट्‌टी पर जाने से कामकाज प्रभावित होंगे। इसके चलते भी चिंता बनी हुई है।मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर या तहसीलदार का प्रभार दिया भी जा रहा है, तो आदेश जीएडी ही जारी करें, न कि रेवेन्यू विभाग। ऐसा होने पर ही वे प्रभार लेंगे। पूर्व में राजस्व निरीक्षकों को कार्यवाहक नायब तहसीलदार बनाया गया था। बाद में यह प्रभार ले लिया गया। यदि जीएडी आदेश निकालता है, तो सीधे भोपाल स्तर से ही प्रक्रिया की जाएगी।बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार करीब 200 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने जा रही है। ये तहसीलदार पिछले 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदार इस क्राइटेरिया में आ रहे हैं। जिनकी विभागीय जांच चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाएंगे। इधर, कुल 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की प्रोसेस चल रही है। हालांकि, इसके आदेश अब तक नहीं निकल सके हैं। इसके अलावा अन्य मांगों को लेकर भी अधिकारी सामूहिक छुट्‌टी पर जा रहे हैं।

Kolar News 16 March 2023

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