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ग्वालियर। जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ सहित अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय चार मौसम प्रणालियों के प्रभाव से आसमान में आंशिक बादल छा गए हैं। जिससे मंगलवार को अधिकतम तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। साथ ही आज लू का प्रभाव भी नहीं था। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन तक लू से राहत बनी रहेगी। इस दौरान तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी हो सकती है।
यहां बता दें कि पिछले करीब एक पखवाड़े से मौसम को प्रभावित करने वाली कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं होने से शुष्क मौसम के चलते सूरज की तपन और पछुआ गर्म हवाओं के संयुक्त प्रभाव से ग्वालियर-चम्बल अंचल सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश इलाके भीषण गर्मी और लू की चपेट में थे। इस दौरान ग्वालियर में सीवियर हीट वेव यानी तीव्र लू की स्थिति भी निर्मित हो गई थी लेकिन मंगलवार को मौसम में आंशिक बदलाव देखने को मिला। दिन भर आंशिक बादल छाए रहने से पिछले दिनों की अपेक्षा आज सूरज के तेवर कुछ नरम बने रहे। हालांकि पिछले दिनों की तरह आज भी हवाएं उत्तर-पश्चिमी चलीं। जिनकी गति लगभग चार किलोमीटर प्रति घंटा थी लेकिन हवाओं में पिछले दिनों जैसी गर्माहट नहीं थी।
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में मंगलवार को अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 3.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 3.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 24 और शाम को 27 प्रतिशत दर्ज की गई।
इस कारण हुई तापमान में गिरावट: स्थानीय मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। जिसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान में प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ। इसके साथ ही बिहार से पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश होते हुए विदर्भ तक एक द्रोणिका लाइन भी गुजर रही है। इन चार मौसम प्रणालियों के प्रभाव से ग्वालियर-चम्बल में आंशिक बादल छा गए हैं लेकिन बारिश की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अगले तीन दिन तक भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से राहत बनी रहेगी। इस दौरान अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है जबकि न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि संभव है। आगामी 15 अपै्रल को इन मौसम प्रणालियों का प्रभाव समाप्त होने के बाद अधिकतम तापमान में फिर से वृद्धि होगी और गर्मी व लू का प्रकोप बढ़ेगा।
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