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उज्जैन। देशभर के श्रद्धालुओं को विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह खुलने का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए फिलहाल बंद ही रहेगा। सिर्फ वीवीआईपी ही अंदर जाकर दर्शन कर सकेंगे। साधारण व्यक्ति को 200 फीट दूर से भी बाबा महाकाल की झलक पाकर संतोष करना पड़ेगा।
दरअसल, शनिवार को महाकाल लोक के कंट्रोल रूम में महाकाल मंदिर समिति की बैठक हुई, जिसमें मंदिर का गर्भगृह खोलने पर कोई विचार नहीं हुआ। बैठक के बाद कलेक्टर व मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हर दिन दो लाख लोगों को दर्शन कराना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश देते है तो एक घंटे में 200 लोग दर्शन कर सकते हैं। दस घंटे प्रवेश दिया तो दो हजार लोग आ सकते है। प्रतिदिन दो लाख लोग आते हैं तो एक लाख 98 हजार लोग दर्शन नहीं कर सकेंगे। गर्भगृह में लोगों के मौजूद होने से सामने से दर्शन के लिए आने वाले वाले श्रद्धालुओं को दिखना बंद हो जाता है। चुनौती यह है कि दो लाख लोगों को कैसे एडजस्ट कर पाएंगे। हम दो हजार लोगों की सुविधा के लिए एक लाख 98 हजार को मना नहीं कर सकते हैं। इसलिए सीमित संख्या में प्रवेश देने पर विचार होगा। इसके अलावा स्थानीय लोगों को एक दिन भस्म आरती में नि:शुल्क अनुमति देने का निर्णय पहले ही हो चुका है, इस व्यवस्था को तत्काल शुरू किया जाएगा।
4 जुलाई से बंद है गर्भगृह में प्रवेश
उल्लेखनीय है कि 4 जुलाई 2023 को शुरू हुए श्रावण के अधिकमास के चलते मंदिर प्रबंध समिति गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी, जो अब तक जारी है। हालांकि, अभी वीवीआईपी भक्तों के लिए इसे खुला रखा गया है। श्रावण के दो महीने के दौरान करोड़ों श्रद्धालु महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। दो माह तक गर्भगृह में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया। इस दौरान आम व खास सभी ने बाहर से ही दर्शन किए। गर्भगृह में प्रवेश बंद होने से बाहरी श्रद्धालुओं को बेरिकेट्स से दर्शन हुए। सावन-भादो माह के बाद भी श्रद्धालु लगातार मंदिर आ रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान भी शनिवार से सोमवार तक लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक का इंतजार था, लेकिन जब बैठक हुई तो इस विषय पर गंभीरता से कोई बात नहीं की जा सकी।
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