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मध्यप्रदेश में शहरों के समूहों के आधार पर डेवलपमेंट की नई प्लानिंग सरकार ने शुरू कर दी है। ताकि सिर्फ शहर या जिले का ही नहीं बल्कि संभाग स्तर पर भी व्यवस्थित विकास किया जा सके। मप्र. नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्लान को कुल सात भागों में बांटा गया है। इसमें छह संभाग ऐसे हैं जिनका प्लान संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा। नई अर्बन प्लानिंग में औद्योगिक क्षेत्र, आठ लेन सड़क, ग्रेड सेपरेटर, सैटेलाइट टाउनशिप, बायपास समेत अन्य विकास कार्यों पर जोर होगा।अधिकारियों ने बताया कि भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के लिए एक प्लान तैयार किया जाएगा। इसी तरह ग्वालियर और चंबल संभाग के साथ रीवा और शहडोल की प्लानिंग भी साथ में की जाएगी। बाकि इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और सागर संभागों का अलग-अलग प्लान तैयार होगा। प्लान में नए प्रस्तावित और प्लान को तैयार करने के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टर से जानकारी भी मांगी गई है। इसके अलावा नए और प्रस्तावित मास्टर प्लान की प्लानिंग को भी मर्ज किया जाएगा।नए अर्बन प्लान के तहत शहरों के बीच सैटेलाइट टाउनशिप विकसित की जाएगी। सैटेलाइट टाउनशिप में एक ही क्षेत्र में कई सुविधाएं मिलेगी। इसमें स्कूल, कॉलेज, पॉश रेसिडेंशल एरिया, उद्योग, कॉर्पोरेट ऑफिस, हॉस्पिटल आदि की सुविधा मिलेगी। मिक्स लैंडयूज का प्रावधान किया जाएगा। इनका विकास भी सिर्फ हाईवे के किनारे किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि शहरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और जमीन की उपलब्धता को लेकर सैटेलाइट टाउनशिप का विकास किया जाता है। इससे शहरी विस्तार को बढ़ावा मिलता है। दूसरा फायदा यह है कि शहर से दूर के क्षेत्रों का विकास होता है। यह टाउनशिप भविष्य के मद्देनजर अत्याधुनिक बनाई जाती हैं।इस प्लान में शहरों के बीच का सर्वे कराया जाएगा। जिस संभाग में जितने भी शहर आते हैं उनका खाका तैयार किया जाएगा। रिपोर्ट में जमीन की उपलब्धता, प्राकृतिक संपदा, क्षेत्र, सरकारी व निजी जमीनों का खाका, संबंधित जोन में आने वाले शहरों की दूरी का खाका तैयार होगा।शहरों के जोन के आधार पर भावी आबादी की गणना की जाएगी। इसके हिसाब से ही प्लानिंग एरिया का चयन जाएगा। भावी जनसंख्या के लिए शिफ्ट एंड शेयर, इंक्रीमेंटल और अर्थमेटिक टैक्नीक का उपयोग किया जाता है। तीनों विधियों से निकाले गए आंकड़े लगभग एक समान होते हैं।शहरों के बीच में प्रस्तावित, विचाराधीन और ऑनगोइंग प्रोजेक्टों की जानकारी का खाका तैयार किया जाएगा। यदि रोड डेवलपमेंट का प्रोजेक्ट है तो एनएचएआई, एमपीआरटीसी, पीडब्ल्यूडी या किसी प्राधिकरण का प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के तहत क्या-क्या विकास कार्य किए जाने हैं।प्रदेश में 37 शहरों के मास्टर प्लान पर काम किया जा रहा है। आठ शहरों के मास्टर प्लान लागू कर दिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट स्टडी कर नया प्लान तैयार किया जाएगा। मास्टर प्लान के तहत तय प्लानिंग एरिया में रिंग रोड, उद्योग क्षेत्र, बायपास समेत कई डेवलपमेंट का खाका तैयार किया जाता है।
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