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उज्जैन। शिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान बनाने के लिए उसकी सहायक नदी चंद्रभागा को पुनर्जीवित करने हेतु सैकड़ों ग्रामीण आगे आए हैं। सोमवार से ग्रामीणों ने श्रमदान शुरू कर दिया है। यह श्रमदान 15 दिनों तक चलेगा। इस कार्य में करीब 150 ग्रामीण जुट गए हैं।
शिप्रा नदी संरक्षण अभियान के तहत सोमतीर्थ क्लस्टर के प्रभारी पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि शिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान बनाने के लिए जल संरक्षण अन्तर्गत सोमवार से ग्रामीणों ने सहायक नदी चंद्रभागा के उद्गम स्थल मोहनपुरा, बडऩगर मार्ग पर श्रमदान अभियान शुरू किया। क्षेत्र के ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि उक्त नदी को पुनर्जीवित करेंगे ताकि शिप्रा नदी पुन: प्रवाहमान बन सके। अभी उक्त नदी एक बरसाती नाले के रूप में है। जोकि सोमतीर्थ के समीप जाकर शिप्रा नदी में मिलता है। श्रमदान पश्चात नदी अपना मूल स्वरूप ले लेगी।
90 वर्षीय वृद्धा बोली: मैरे सामने यह नदी उफना करती थी
श्रमदान करने आए ग्रामीणों में 90 वर्षीय सूरजबाई पटेल भी थी। उन्होंने बताया कि बचपन से जवानी के बीच उन्होंने स्वयं इस नदी को अपने मूल स्वरूप में उफनते हुए देखा था। बाद में यह बरसाती नाला बनकर रह गई। सूरजबाई ने भी श्रमदान किया।
Kolar News
4 April 2022
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