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उज्जैन की MBA पास सलोनी जैन साध्वी बन गईं। शहर के प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखने वाली युवती ने सुख-सुविधा और परिवार त्याग कर संयम की राह चुनी। इसके लिए पांच दिवसीय उत्सव हुआ। बुधवार को सलोनी ने दीक्षा ग्रहण की। सलोनी का नाम साध्वी श्री मल्लि दर्शना श्रीजी मसा रखा गया है।ज्वेलर विमल भंडारी और पूजा भंडारी की 25 साल की बेटी सलोनी ने जैन साध्वी दीक्षा अंगीकार की। इसके लिए अरविंद नगर स्थित मनोरमा-महाकाल परिसर में विरती मंडप सजाया गया। इसमें पांच दिन धार्मिक आयोजन हुए। मंगलवार सुबह 8:30 बजे खाराकुआ स्थित श्री हीर विजय सूरी बड़ा उपाश्रय मंदिर से वर्षी दान वरघोड़ा निकला, जिसमें सलोनी ने हाथी पर बैठकर सांसारिक वस्तुओं के त्याग स्वरूप विभिन्न सामग्री लुटाईं।सोमवार सुबह वस्त्र रंगोत्सव विधि हुई तो दोपहर में महिला सांझी कार्यक्रम के दौरान शहर के विभिन्न महिला मंडलों ने धार्मिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। शाम में सलोनी की शीर्षक के साथ वधावणा कार्यक्रम हुआ। महोत्सव समिति के संजय भंडारी और डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार आचार्य मतिचंद्र सागर सुरीश्वर जी मसा, अध्यात्म योगी गणिवर्य आदर्श रत्न सागर जी मसा, युवा मुनि अक्षत रत्न सागर जी मसा व साध्वी मुक्ति दर्शना श्रीजी मसा की निश्रा में वस्त्र रंगों से कार्यक्रम हुआ और मंगलवार सुबह शहर में विराजित सभी साधु साध्वी की निश्रा में भव्य वर्षीदान वरघोड़ा नगर के प्रमुख मार्गों से होकर अरविंद नगर विरती मंडप पहुंचा था।मुमुक्षु सलोनी दीक्षा लेने उपरांत सभी सांसारिक रीति-रिवाज से दूर हो गईं। संगीत प्रस्तुति के साथ उनका विदाई कार्यक्रम होगा। बुधवार सुबह 8.30 बजे से मुख्य दीक्षा विधि शुरू हुई। हजारों समाजजनों के साक्षी में सलोनी नारी के सोलह श्रृंगार व वैभव त्याग कर साध्वी दीक्षा ग्रहण करेगी।उज्जैन एमआईटी कालेज से MBA करने वाली सलोनी भंडारी पढ़ाई में शुरू से अच्छी रही MBA करने के बाद सलोनी ने करीब डेढ़ वर्ष तक इंदौर में नौकरी की और फिर अपने पिता की पटनी बाजार स्थित भंडारी ट्रेडर्स की ज्वेलरी के व्यवसाय में हाथ बटाने लगी।बुधवार से सलोनी सब कुछ त्याग कर सयंम की राह पर चलेगी और अन्य लोगो को भी इस राह पर चलने की प्रेरणा देगी।
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