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भगवान भोलेनाथ के सावन का आखरी सोमवार है। आज यानि 8 अगस्त को महाकाल की शाही सवारी बड़े जोर शोर से निकाली गयी। उज्जैन के राजा बाबा महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए । इस दौरान भक्त फूलों से बाबा महाकाल का सवागत कर रहे थे। महाकालेश्वर मंदिर के मेन गेट पर पर अपने शास्त्रों से लैस पुलिस जवानों ने बाबा को सलामी थी । राजाधिराज की पूजा-अर्चना के बाद भगवान अपने भक्तों से मिलने अपनी नगरी में निकले। भगवान भोलेनाथ को शिप्रा के जल तट पर स्नान कराया गया। स्नान करने के बाद उनकी सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना हुई । जहाँ उनका हरी-हर मिलान हुआ। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने कहा कि महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग में सोमवार सुबह बड़ी संख्या में भक्तगण भस्मारती में शामिल हुए। बाबा महाकाल बैलगाड़ी पर नंदी पर उमा-महेश का स्वरूप धारण किए हुए हैं। पालकी के साथ हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश के मुखारविंद विराजमान हैं। आपको बता दे की सावन के महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते है। इस दौरान वे भगवान महाकाल की शाही सवारी के दर्शन करके सौभाग्यपूर्ण मानते है। इसलिए बाबा महाकाल की शाही सवारी देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उनका इंतज़ार करते है। 8 अगस्त को भी बबा महाकाल की शाही सवारी बड़े धूम धाम से निकली गयी। भक्तों ने महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का दर्शन किया। और गाजे बाजों और ढोल नगाड़ों के साथ महाकाल की मस्ती में झूमते नज़र आये।
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