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अनूपपुर। वन परीक्षेत्र जैतहरी अंतर्गत ग्राम गोबरी के जंगल में बीते पांच दिनों से छत्तीसगढ़ से मप्र के अनूपपुर जिले में आए पांच दन्तैल हाथियों का समूह डेरा जमाए हुए है। यह हाथी दिन में जंगल में विश्राम करने के बाद देर रात में आस-पास के ग्रामों में प्रवेश कर घर, खेत-बाड़ी में तोड़फोड़ कर अनाज एवं फलों को अपना आहार बना रहे हैं। हाथियों के क्षेत्र में रहने से ग्रामीणों में दहशत में हैं।
सोमवार-मंगलवार की रात हाथियों को घर के अंदर दरवाजा तोड़कर आते देख 45 वर्षीय महिला घबराकर बेहोश हो गई, जिसे परिजनों द्वारा इसकी जानकारी वन अधिकारी को देकर जैतहरी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मंगलवार सुबह महिला के स्वास्थ्य में सुधार आ सका।
जानकारी अनुसार पांच दिन पहले छत्तीगढ़ के जंगलों से पांच हाथियों के समूह ने जिले में प्रवेश किया था। ये हाथी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचा रहे हैं। जिससे शाम होते ही ग्रामीण परिवार सहित पक्के मकानों की छतों में रात गुजारने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने हाथियों से निजात दिलाने को लेकर सीएम हेल्पलाइन के साथ वरिष्ठ अधिकारियों से इस समस्या के निराकरण की गुहार लगाई है। वन विभाग व पुलिस विभाग 24 घंटे हाथियों के समूह पर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने रात के समय पक्के घरों की छतों पर रहने की अपील की जा रही है।
हाथियों के समूह सोमवार को गोबरी बीट में पूरे दिन आराम करने के बाद देर रात होते ही जंगल से निकलकर गोबरी पगना मुख्य मार्ग को पार कर ठेगरहा गांव के गौठियान टोला पहुंचाया और धनीराम सिंह, राम सजीवन सिंह, नानबाबू सिंह के घरों एवं बाडियों में लगे फल एवं अनाजों को अपना आहार बनाया। इस बीच हाथियों ने पक्के घर के अंदर लोहे का दरवाजा तोड़कर आते देख 45 वर्षीय महिला सीताबाई पत्नी हीरालाल सिंह घबराकर बेहोश हो गई। परिजनों ने इसकी जानकारी वन परीक्षेत्र अधिकारी जैतहरी विवेक मिश्रा, परिक्षेत्र सहायक वेंकटनगर रामसुरेश शर्मा एवं वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल को दी। इसके बाद बेहोश महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतहरी में भर्ती कराया जहां उपचार दौरान महिला स्वस्थ हो सकी।
वनमंडलाधिकारी एसके प्रजापति ने बताया कि इस क्षेत्र में हाथियों के लिए भरपूर खाद्य सामग्री मिलती हैं जिससे बार-बार आ रहें। ग्रमीणों का गुस्सार जायज हैं हम प्रयास कर रहें हैं गत दिनों बांधवगढ़ के हाथी विशेषज्ञों को बुलाया गया था वह भी हाथ खडे कर दियें हैं। फिर भी हम लगातार निगरानी कर रहे हैं।
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