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भोपाल। प्रदेश में अगले 5 दिन यानी 14 अगस्त तक तेज बारिश होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। मानसून पर ब्रेक लगने और कोई नया सिस्टम नहीं आने से अगस्त के दूसरे सप्ताह में प्रदेश सूखा रहेगा। इस बीच तापमान बढ़ने से सोयाबीन-दलहनी जैसी फसलों पर संकट खड़ा हो सकता है।
मध्यप्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। पिछले 24 घंटे में रतलाम में 0.11 इंच, सीधी में 0.03 इंच, मलाजखंड में 0.01 इंच बारिश हुई। उज्जैन में भी पानी गिरा। भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। बारिश का दौर थमने से औसत बारिश का आंकड़ा घट गया है। मंगलवार तक प्रदेश में 6% बारिश ज्यादा हुई थी, जो बुधवार को 4% तक रह गई। गुरुवार को यह आंकड़ा और घट जाएगा। पूर्वी हिस्से में 7% और पश्चिमी हिस्से में 1% ही ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में औसत 22.92 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 22.04 इंच होना चाहिए। प्रदेश में सबसे ज्यादा नरसिंहपुर में 35 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। सिवनी-मंडला में 32 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर, जबलपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, सागर, शहडोल, नर्मदापुरम और रायसेन में 28 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि मानसून ट्रफ लाइन हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो गई है। अभी यह उत्तराखंड, पंजाब से होकर गोरखपुर होते हुए पूर्वी भारत की ओर जा रही है। इसकी की वजह से पिछले 48 घंटे के दौरान परिस्थितियां बदली हैं। मध्यभारत में बारिश की गतिविधियां घट गई है। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी ही हो रही है। किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय नहीं होने से अगले 24 घंटे में कहीं भी तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी जरूर हो सकती है। राजधानी भोपाल में बादल छाए रहेंगे। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में भी ऐसा ही मौसम रहेगा।
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