Advertisement
पिछले दो सालों में प्रदेश के 1200 प्राइवेट स्कूल बंद हो गए हैं। अगर आपका बच्चा भी इनमें से किसी स्कूल में पढ़ता था, तो आपको तुरंत बच्चे को प्रवेश को लेकर एक्शन लेना होगा, अन्यथा आपका बच्चा दूसरे बच्चों से पीछे रह जाएगा। इसलिए आप उसकी उम्र और वर्तमान कक्षा के अनुरूप अन्य स्कूल में प्रवेश दिलाएं, ताकि वह भी अन्य बच्चों की तरह बराबर की कक्षा में पढ़े। आपको बता दें कि प्रदेश में कोरोना काल में करीब 1200 स्कूल बंद हो गए हैं। ये स्कूल सत्र 2019-20 और 2020-21 में बंद हुए हैं। इस कारण इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है। इन स्कूलों में नर्सरी से लेकर कक्षा 1 तक में करीब 11 हजार से अधिक बच्चे दर्ज थे। सरकार द्वारा इन बंद स्कूलों के बच्चों को अनमैप्ड करवाया जा रहा है, ताकि वे सत्र 2022-23 की प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इस विशेष प्रावधान के बाद भी ऐसे बच्चों को खास राहत नहीं मिलेगी। क्योंकि उन्हें पहली कक्षा से आगे की कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा। अगर आपका बच्चा भी इनमें से किसी एक स्कूल में पढ़ता था, तो आप या तो अपने बच्चे को आरटीई के तहत पढ़ाना चाहते हैं, तो कक्षा पहली में फिर से प्रवेश दिलाना होगा। अन्यथा आप किसी अन्य स्कूल में अपने बच्चे को जिस कक्षा में पढ़ाना चाहते हैं, उसी कक्षा में प्रवेश दिला सकते हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए दो माह देरी से 15 जून से प्रक्रिया शुरू होगी। 27 हजार निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी-1, केजी-2 और पहली की दो लाख से अधिक खाली सीटों पर नौनिहालों का दाखिला होगा। इस बार कोरोना काल में प्रदेश में बंद हुए 1200 निजी स्कूलों में आरटीई से पढ़ रहे 11 हजार बच्चों को भी मौका मिलेगा। लेकिन वे अधिकतम पहली कक्षा में ही प्रवेश ले पाएंगे। यानी, बंद हुए स्कूलों में सत्र 2019-20 में केजी-1 या केजी-2 में पढ़ने वाले छात्रों को इस साल क्रमश: दूसरी व तीसरी कक्षा में जाना था, लेकिन वे आरटीई के तहत पहली कक्षा में ही प्रवेश ले सकेंगे। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जुलाई के पहले सप्ताह में लॉटरी निकाली जाएगी। बताते हैं, उक्त स्कूलों में दो लाख से अधिक सीटें हैं। इनमें डेढ़ लाख सीटें ही अभिभावकों के पसंद की हैं। बाकी 60 हजार सीटें ऐसे स्कूलों की हैं, जो प्राथमिकता में नहीं रहतीं।
Kolar News
13 June 2022
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|