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शिवपुरी। शिवपुरी में इस समय प्याज की बंपर आवक हो रही है। मंडी में करीब 200 से 300 ट्रॉली प्रतिदिन प्याज आ रही है लेकिन प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। बाहरी प्रदेशों में प्याज की डिमांड ना होने के कारण व्यापारी कम दाम में प्याज ले रहे हैं जिसके कारण किसान वर्ग परेशान है। प्याज के सही दाम न मिल पाने से प्याज उत्पादक किसानों के आंसू निकल रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस समय प्याज 200 से 300 प्रति टन यानी कि 5 से 8 रुपए प्रति किलो खरीदी जा रही है। इस भाव में किसानों की लागत का मूल्य भी नहीं निकल रहा है।
किसानों का कहना है कि बीते कुछ सालों से लागत काफी बढ़ गई है इसके विपरीत उन्हें प्याज के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि मंडी में स्थिति यह है कि यहां पर 200 से 300 ट्रॉली प्रतिदिन प्याज आ रही है लेकिन प्याज के खरीदार नहीं है। मंडी में एक से दो दिन प्याज बेचने में लग जाते हैं। इसके बाद भी सही दाम नहीं मिल रहे हैं।
दूसरे प्रदेशों में डिमांड न होने से गिर गए भाव-
शिवपुरी में इस साल प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है। बंपर उत्पादन के बीच 200 से 300 ट्रॉली प्रतिदिन शिवपुरी की पिपरसमां मंडी में प्याज आ रही है इसके विपरीत दूसरे प्रदेशों में प्याज की डिमांड नहीं है जिसके कारण प्याज के सही रेट किसानों को नहीं मिल पा रहे। किसानों को स्थानीय व्यापारियों ने बताया है कि पहले शिवपुरी की प्याज आगरा, दिल्ली, आगरा, कानपुर और नेपाल तक जाती थी लेकिन अब इन क्षेत्रों में प्याज की डिमांड नहीं है। इसके अलावा निर्यात पर भी प्रतिबंध है जिसके कारण प्याज के दाम किसानों को सही नहीं मिल पा रहे हैं।
किसान बोले- मोदी जी निर्यात की अनुमति दी जाए-
प्याज के उचित दाम नहीं मिल पाने के बाद शिवपुरी के किसानों का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी को प्याज का निर्यात प्रारंभ करना चाहिए जिससे कि किसानों को उचित दाम मिल सके। स्थानीय किसानों ने बताया कि इस समय देश से प्याज निर्यात पर प्रतिबंध है जिसके कारण देश से बाहर प्याज नहीं जा पा रहा है। किसानों ने डिमांड रखी है कि मोदी जी को प्याज निर्यात की परमिशन देनी चाहिए जिससे किसानों को कुछ फायदा मिल सके।
पहले टमाटर ने पीटा अब प्याज ने निकाले आंसू-
शिवपुरी जिले में टमाटर और प्याज का उत्पादन ज्यादा होता है लेकिन इस बार इन दोनों ही चीजों के दाम काफी नीचे रहे। टमाटर की भी बाहरी प्रदेशों में कोई डिमांड ना होने के कारण मेन सीजन में टमाटर 2 से 3 रुपए किलो बेचा गया था। जिससे स्थानीय किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। अब प्याज भी किसानों के आंसू निकाल रही है क्योंकि प्याज भी 5 से 8 रुपए किलो तक बिक पा रही है जिसमें उनकी लागत भी नहीं निकल रही है।
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