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कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिवचर्चा के लिए सोमवार को इंदौर आए। कनाड़िया रोड स्थित प्रेमबंधन गार्डन में संबोधित करते हुए पं. मिश्रा ने कहा कि जब हम शिवलिंग पर एक बूंद भी जल चढ़ा रहे होते हैं, तब उन्हें अपने मन की बात कह रहे होते हैं। यह शिव से साक्षात मिलने जैसा है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं हुआ, जिसके जीवन में संघर्ष नहीं आया। भगवान राम, कृष्ण और गौतम बुद्ध कोई भी हो...उनके अवतारी जीवन में भी संघर्ष आया। जीवन में संघर्ष से जूझना और निपटना सीखना होगा। शाम को प्रवचन के बाद कथा का समापन हुआ। कथास्थल से श्रद्धालुओं की भीड़ एक साथ निकलने के कारण कनाड़िया से बंगाली चौराहा तक जाम की स्थिति बन गई।इससे पहले, पं. मिश्रा की कथा में प्रवचनों काे सुनने के दौरान भजनों पर महिलाओं ने नृत्य किया। इस दौरान पं. मिश्रा ने शादी के 25 साल बाद संतान प्राप्त करने वाले परिवार को मंच पर बुलाया और बच्चे को दुलारा। अपने प्रवचन में पंडित मिश्रा ने कहा कि भादौ का महीना है, बाबा की शाही सवारी का दिन है... दिल से बोलिए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं.. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। उनके भजनों ओ भोला सब दु:ख काटो आज...और... लुटा दिया भंडार काशी वाले ने, कर दिया मालामाल काशी वाले ने....पर श्रोता खूब थिरके।जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई आ जाए। कितनी भी बड़ी तपस्या क्यों न करनी पड़े लेकिन अपने भोले बाबा के चरण कभी मत छोड़ो। कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, बाबा आपको संकट के पार ले जाएगा। शालि ग्राम भगवान को आधा किलो सोने के सिंहासन में जड़ दिया जाए, हीरे में जड़ दिया जाए या कोई और रत्न पहना दिया जाए, ठीक उतना ही फल भोलेनाथ को एक बेल पत्र चढ़ने से मिलता है। व्यक्ति की संगत और पंगत अच्छी होना चाहिए। किसी गलत व्यक्ति के साथ बैठने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए। आप कहां बैठे हैं ये आपके ऊपर निर्भर करता है।- शिव पुराण के अनुसार तीन कारण से मरने वाले व्यक्ति को कभी भी मुक्ति नहीं मिलती है। पहला, अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब कर अपना जीवन त्यागता है। दूसरा, स्त्री या किसी नारी के कारण जान देता है और तीसरा सर्प के डसने से मरने वाले इंसान को कभी मोक्ष नहीं मिलता है। जैसा पेट भरने के लिए भोजन की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार आत्मा की तृप्ति के लिए शिव पुराण और शिव कथा के साथ भोले के दर्शन की जरूरत होती है।
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