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ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज का विवाद अभी सुलझा भी नहीं है कि गुर्जर समाज एक नया विवाद ले आया है। बुधवार को ग्वालियर में OBC महासभा के बैनर तले यादव समाज व गुर्जर समाज ने वीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जयंती मनाई है। यहां गुर्जर समाज ने जो पोस्टर लगाए थे, उस पर गुर्जर कुलभूषण वीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान और गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान लिखा था। यह समारोह गुर्जर भवन मुरार में मनाया गया है।OBC महासभा और गुर्जर समाज द्वारा पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर सम्राट बताने पर एक बार फिर अंचल में विवाद को नई हवा मिल सकती है, क्योंकि मिहिर भोज के विवाद में ग्वालियर-चंबल अंचल से लेकर नोएडा तक उपद्रव हुआ था। बुधवार को ग्वालियर में विवाद के बाद टीन से कवर की गई मिहिर भोज की प्रतिमा को खोलने का प्रयास किया गया था। जिसमें कुछ लोगों को पुलिस ने पकड़कर सभी काे खदेड़ दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा नजर आ रहा है।ग्वालियर-चंबल अंचल में राजा मिहिर भोज के बाद पृथ्वीराज चौहान को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। पृथ्वीराज चौहान के बारे में गुर्जर समाज का दावा है कि वे गुर्जर-प्रतिहार वंश के गुर्जर सम्राट थे। ग्वालियर में OBC और गुर्जर समाज ने पृथ्वीराज चौहान की जयंती मनाई। इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि गुर्जर समाज ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान को अपना बताया है। इससे पहले कभी यह कार्यक्रम नहीं किया गया है। यह कार्यक्रम मुरार शहीद गेट पेट्रोल पंप के पास गुर्जर भवन में बुधवार शाम को किया गया है।कार्यक्रम को OBC महासभा के बैनर तले मनाया गया है। कार्यक्रम में OBC महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व यादव महासभा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूपेश यादव ने भी विशेष रूप से भाग लिया। रूपेश यादव ने भी पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर सम्राट कहकर ही संबोधित किया है। गुर्जर समाज का आरोप है कि 32 वर्ष की उम्र में ही गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने विरोधियों को छक्के छुड़ा दिए थे और उनके सामने कोई ठहरता तक नहीं था, लेकिन आज इतिहास में उनका नाम मात्र का जिक्र है। वह गुर्जर-प्रतिहार वंश के गुर्जर सम्राट थे।
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