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पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासियों का प्रणय पर्व के रूप में जाना जाने वाला भगोरिया पर्व आदिवासी प्रधान झाबुआ, आलीराजपुर खंडवा आदि जिलों में 11 मार्च से मनाया जाएगा। इस लोक पर्व को लेकर आदिवासियों में बड़ा उत्साह रहता है। जिले से दूरस्थ स्थानों की ओर काम (मजदूरी) पर गए आदिवासी मजदूर इस लोक पर्व के मद्देनजर अपने घर लौटने लगे हैं।
आदिवासी संस्कृति के इस पर्व का आगाज़ होली के सात के दिन पूर्व से हो जाता है। और इन जिलों में होली पूर्व लगने वाले सभी हाट बाजार भगोरिया हाट कहे जाते है।
पिछले दो वर्षो में कोरोना महामारी के चलते एक अज्ञात भय लोगो में समाया था, हालांकि फिर भी झाबुआ आलीराजपुर जिलो में भगोरिया हाट उसी शिद्दत से भरे थे। इस प्रणय पर्व की मस्ती, गत वर्ष कोरोना पर भारी पड़ी थी। वास्तविकता में पिछले साल शासन प्रशासन की कोरोना गाइड लाइन को पूरी तरह नकार दिया गया था, परिणामस्वरूप कोरोना महामारी ने जिले में कहर बरपाया था। वैसे इस वर्ष कोरोना संकट नही के बराबर है, फिर भी प्रशासन को इन हाट बाजारों के दौरान भारी भीड़ को नियंत्रित करना होगा, वरन् महाराष्ट्र, गुजरात राज्य से लौटने वाले कामगारों में यदि कोई संक्रमित हुआ तो जिले में संक्रमण फैलने की स्थिति निर्मित हो सकती है।
जिले में कोरोना नहीं के समान है, और प्रशासनिक रूप से भी इन हाट बाजारों पर कोई बंदिश नहीं रहेगी, इसलिए ये हाट इस वर्ष पूरे शबाब पर रहने वाले हैं, ऐसे में जिला प्रशासन को एहतियात बरतने की बहुत जरूरत है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (cmho) डॉ. जे. एस. ठाकुर से जिले में कोरोना संक्रमण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि "जिले में अभी दो चार केस आ रहे हैं। इनमें भी कोई हास्पिटलाइज नहीं है। अभी तक कोरोना से कोई भी मौत नहीं हुई है।" अतिरिक्त जिला कलेक्टर जे. एस. बघेल भगोरिया के संबंध में यह पूछे जाने पर कि क्या इन हाट बाजारों पर कोई बंदिश होगी ? एडीएम ने "हिन्दुस्थान समाचार" को बताया "कि नहीं इन हाट बाजारों पर कोई बंदिश नहीं रहेगी, किन्तु सबको आवश्यक रूप से मास्क लगाना चाहिए।"
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