Advertisement
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लॉ स्टूडेंट्स को सलाह दी कि जब आपके पास मौका हो तो दूसरों को ऊपर उठाएं। चाहे आप किसी भी तरह के वकील बनें, इस पेशे को और ज्यादा लचीला बनाने में मदद करें। उन्होंने कहा- हाल में मैंने एक किस्सा सुना जिससे मेरा दिल टूट गया। मुझे बताया गया कि एक यंग स्टूडेंट को लॉ फर्म में इंटर्नशिप से उसकी जाति के कारण रोक दिया गया और उसे दोबारा वहां न आने के लिए कहा गया।सीजेआई ने यह बातें शनिवार यानी 26 अगस्त को कुछ वकीलों के कानून का उल्लंघन करने के किस्से सुनाते हुए कहीं। CJI नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) बेंगलुरु के 31वें दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स के बीच बोल रहे थे। उन्होंने स्टूडेंट्स को अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी बातें बताईं। इनमें से एक किस्सा उनकी दिवंगत पत्नी से भी जुड़ा था।ऐसा पति खोजें जो घर का काम करे CJI ने एक किस्सा दिवंगत पूर्व पत्नी से जुड़ा सुनाया। कहा- जब वे एक लॉ फर्म में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गईं तो उन्होंने वहां काम के घंटों के बारे में पूछा। इस पर इंटरव्यू ले रहे शख्स ने कहा- घंटे तय नहीं हैं, 24x7 और 365 दिन काम होगा। जब CJI की पत्नी ने पूछा कि फैमिली वाली महिलाओं के बारे में क्या?इस पर उनसे कहा गया कि कोई फैमिली लाइफ नहीं। यदि आप हमारी लॉ फर्म में काम करना चाहती हैं, तो ऐसा पति खोजें जो घर का काम करे। हालांकि CJI ने कहा कि वे आशावादी हैं कि चीजें अब बदल रही हैं।प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए CJI ने कहा- मैंने हाल ही में एक कहानी सुनी जिससे मेरा दिल टूट गया। मुझे बताया गया कि एक यंग स्टूडेंट ने एक लॉ फर्म में अपनी इंटर्नशिप शुरू की। ऑफिस पहुंचने के बाद उसके सुपरवाइजर ने स्टूडेंट से पूछा कि वो किस जाति से है। जब स्टूडेंट का जवाब सुना तो सुपरवाइजर ने इंटर्न को ऑफिस में दोबारा कदम नहीं रखने के लिए कहा।इसके बाद CJI ने कहा कि वकील के रूप में हम समाज और उसके अन्यायों के खिलाफ जागरूक हैं। संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की हमारी जिम्मेदारी दूसरों से ज्यादा है। फिर भी, यह घटना दिखाती है कि कुछ वकील ऐसा करना तो दूर, कानून का ही उल्लंघन कर रहे हैं।CJI ने लॉ ग्रेजुएट्स को सलाह दी कि वे पैसे या प्रसिद्धि की वेदी पर अपने सिद्धांतों का बलिदान न करें। अच्छा इंसान होना और अच्छा वकील होना अलग नहीं। अगर कभी ऐसे हालात में फंस जाते हैं जहां एक की कीमत दूसरे को चुकानी पड़ती है, तो आप सबसे पहले अच्छा इंसान बनें।अगर सफल होने की कीमत पर हमें अपने मूल्यों को छोड़ना पड़े, अंतरात्मा के खिलाफ काम या अन्याय देखकर उदासीन रहना पड़े, तो यह कीमत बहुत ज्यादा होगी।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |