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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से गौतम अडानी को लेकर लगातार सरकार को घेरा जा रहा है. वे लगातार इस सवाल को उठा रहे हैं कि आखिरAdani Group के पास 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए? अब इस सवाल के जवाब में अडानी ग्रुप की ओर से चार साल का पूरा ब्योरा दिया गया है ग्रुप साल 2019 के बाद से अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का विवरण साझा किया है. इसमें बताया गया है कि कैसे कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर ग्रुप को 2.87 अरब डॉलर या करीब 23,567 करोड़ रुपये मिले हैं। अडाणी ग्रुप पर लंदन मीडिया के फाइनेंशियल टाइम्स ने एक खबर पब्लिश की थी। जिसमें बताया गया था कि अडाणी ग्रुप को जो FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) मिले हैं, उनमें से ज्यादातर गौतम अडाणी के परिवार से जुड़ी विदेशी कंपनियों से आए हैं। फॉरेन बॉडीज ने अडाणी की कंपनियों में 2017 से 2022 के दौरान कम से कम 2.6 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है, जो ग्रुप को मिले कुल 5.7 बिलियन डॉलर के FDI का 45.4% है।हालांकि, सोमवार को जारी किए गए अडाणी ग्रुप के इस ब्यौरे को विदेशी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट और देश में चल रहे विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है। ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जिन इन्वेस्टमेंट्स के बारे में कहा गया है, उन पर पहले ही 28 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को सार्वजनिक रूप से जानकारी दी गई थी।ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को खबर वापस लेने के लिए कहा है। अखबार को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है- "हम समझते हैं कि अडाणी को बर्बाद करने का कॉम्पिटिशन आकर्षक हो सकता है, लेकिन हम सिक्योरिटीज रेग्युलेरिटीज का पूरी तरह से पालन करते हैं। मालिकाना हक व फंडिंग को लेकर कोई बात अंधेरे में नहीं रखना चाहते हैं।"
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