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नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा से 92 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में मंगलवार को संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
आईएनडीआईए घटक दलों के सांसदों ने आज सुबह खड़गे के साथ बैठक की। उसके बाद सभी सांसद संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने एकत्र हुए और सरकार विरोधी नारे लगाए।
प्रदर्शन के दौरान खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सदन की गरिमा का अपमान किया है। संसद की सुरक्षा में सेंध के बावजूद वो संसद में आकर बयान नहीं देते।
खड़गे ने कहा कि इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किया गया। ये लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने जैसा है। यह सदन की मर्यादा पर गहरी ठेस है।
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि जिस तरीके से सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है, उससे यह लगता है कि सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम सिर्फ संसद की सुरक्षा में सेंध पर जवाब मांग रहे थे। हमें सदन से बाहर कर दिया गया। जो हो रहा है। यह ठीक नहीं है। सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने वाला है।
उल्लेखनीय है कि 92 सांसदों के निलंबन के विरोध में आज विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान खड़गे के साथ-साथ एनसीपी नेता शरद पवार, सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई अन्य सांसद मौजूद रहे।
संसद सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन करने के चलते दोनों सदनों से अभी तक विपक्ष के 92 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। निलंबन के विरोध में आज कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर केन्द्रीय गृह मंत्री संसद के दोनों सदन में जवाब दें।
पिछले सप्ताह बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे। युवक अपने जूते में स्प्रे छिपाकर लाए थे। उसे उन्होंने सदन में स्प्रे कर दिया और सदन में पीला धुआं फैल गया था।
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