Video

Advertisement


सत्ता पाने को लालायित कांग्रेस का 'लेफ्ट टर्न'
nagpur,

नागपुर। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने वामपंथी नेताओं की मदद से अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रही है। पिछले कुछ दिनों से नागपुर समेत महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा हैं। कम्युनिस्ट और कांग्रेस के ऐसे गठजोड़ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह आरोप कि कांग्रेस शहरी नक्सलियों द्वारा नियंत्रित है, एक बार फिर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रैली में कहा था कि कांग्रेस एक कंपनी बन गई है और पार्टी ने नीतियों, विचारों और योजनाओं को आउटसोर्स करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि शहरी नक्सली कांग्रेस को चला रहे हैं। वामपंथियों के माध्यम से कांग्रेसियों का प्रशिक्षण प्रधानमंत्री के आरोप को बल देता है। कांग्रेस के कई नेता तो दबी आवाज में यह तक कहते हैं कि कांग्रेस का ‘भारत जोड़ो अभियान’ वामपंथियों की अवधारणा पर आधारित था।

कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बताया है तुषार गांधी और योगेन्द्र यादव ने नागपुर के कस्तूरबा भवन में कांग्रेस पदाधिकारियों की काउंसिलिंग की है। इस बीच कांग्रेस के भारत जोड़ो अभियान के तहत 'लोकसभा मिशन 24' नाम से प्रशिक्षण वर्ग की भी सुगबुगाहट तेज है। बताया गया है कि तीन दिवसीय ऑनलाइन एवं दो दिवसीय ऑफलाइन प्रशिक्षण रत्नागिरी एवं नागपुर में दिया जा चुका है। इसमें वामपंथी विचारकों ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए बूथ से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक कैसी योजना बनाई जाए, यह समझाया है। इनको यह भी समझाया गया कि इसमें सरकार से असंतुष्ट लोग सहायक हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को खोजकर मजबूत नेटवर्क खड़ा किया जा सकता है। इस नेटवर्क में युवाओं, विद्यार्थियों और मजदूरों को आसानी से जोड़ा जा सकता है, जिससे सरकार की नीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जा सके।कानूनी विशेषज्ञों और सोशल मीडिया में सक्रिय लोगों को जोड़कर मकसद के करीब पहुंचा जा सकता है।

बताया गया है कि प्रशिक्षणार्थियों को भेजे गए संदेश में इसका उल्लेख खास तौर पर किया गया कि शिविर में योगेन्द्र यादव, शशिकांत सेंथिल, उल्का महाजन, संजय गोपाल आदि विशेषज्ञ मार्गदर्शक के रूप में मौजूद रहेंगे। इस गठजोड़ पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक एलटी जोशी कहते हैं कि जब कभी कांग्रेस और वामपंथी एक साथ आए तो देश को कुछ न कुछ नुकसान जरूर हुआ है। वामपंथियों ने 1967-68 में अल्पमत में फंसी इंदिरा गांधी सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया और बदले में सभी सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों पर कब्जा कर लिया। अब राहुल गांधी की कांग्रेस चीन की पहल और मदद से वामपंथियों के साथ मिलकर आगे बढ़ रही है। राजनीति में हर चीज का मूल्य होता है। और इस गठजोड़ की कीमत भारत और भारतीय समाज को चुकानी पड़ेगी।

Kolar News 22 October 2023

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.