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उत्तरकाशी। उत्तराखंड की नेलांग घाटी में जाड़ गंगा की सहायक नदी चोरगाड़ पर बने बैली ब्रिज का पिलर ढहने से आईटीबीपी के जवानों का हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले मार्ग सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा से संपर्क कट गया है। यह वाकया दो-तीन दिन पहले का बताया गया है। दरअसल पिलर ढहने से यह समूचा ब्रिज नदी में समा गया है। सामरिक दृष्टि से यह ब्रिज भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नेलांग घाटी भारत-चीन सीमा पर है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में अपनी पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। ब्रिज निर्माण के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। चोरगाड़ नदी पर बने इस बैली ब्रिज का उपयोग आमतौर पर सेना, आईटीबीपी के जवान और भेड़ पालक करते हैं। यह ब्रिज हिमाचल प्रदेश सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ता है। पिलर ढहने के कारण ब्रिज टूट गया है।
उन्होंने कहा कि यह ब्रिज सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ब्रिज के ढहने से सेना और आईटीबीपी के जवानों को रेकी करने में दिक्कत होगी। बताया जा रहा है कि इस संबंध में जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी को ब्रिज निर्माण में आने वाली लागत का आकलन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
Kolar News
13 August 2023
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